शिवराज सिंह चौहान का घर

शिवराज सिंह चौहान का घर: मध्य प्रदेश में 17 नवंबर 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने प्रचंड जीत हासिल की इस महासंग्राम में बीजेपी बिना किसी मुख्यमंत्री के चेहरे के मैदान में उतरी थी। चुनावी परिणाम घोषित होने के लगभग एक हफ्ते बाद भाजपा ने अपना मुख्यमंत्री का चेहरा फाइनल किया और डॉ. मोहन यादव को प्रदेश का नया मुख्यमंत्री घोषित किया, जिसके बाद शिवराज सिंह चौहान ने अपने मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया हालांकि यह साफ नजर आ रहा था कि बीजेपी को हासिल हुई इस जीत में शिवराज सिंह चौहान की बहुत बड़ी भूमिका रही है। 

मध्य प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का 18 साल का लंबा कार्यकाल रहा, इस कार्यकाल में उन्होंने प्रदेश की जनता से एक पारिवारिक रिश्ता बनाया उन्होंने प्रदेश की सभी महिलाओं और पुरुषों को अपना भाई-बहन माना और उनके बच्चों को अपना भांजा- भांजी मानकर प्रदेश से मामा का नाता जोड़ा और हमेशा उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रयास करते रहे। 

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का मध्य प्रदेश की महिलाओं से बहुत गहरा नाता है, उन्होंने प्रदेश की महिलाओं एवं भांजियों के कल्याण के लिए आनेको योजनाओं का शुभारंभ किया जिसमें से लाडली बहना योजना, सीखो कमाओ योजन, लाडली लक्ष्मी योजना अहम हैं, इसके साथ ही उन्होंने अपने भांजे-भांजियों की उच्च स्तरीय शिक्षा के लिए स्कूल-कॉलेज की फीस, विदेश में पढ़ाई के लिए फीस और तो और साइकिल, स्कूटी तथा लैपटॉप प्रदान करके पढ़ाई में सहायता प्रदान की। 

शिवराज ने अपने नए आवास का किया नामकरण 

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद अब सिर्फ एक विधायक हैं और वह अपने मुख्यमंत्री निवास को छोड़कर अब शासकीय निवास में शिफ्ट हो चुके हैं, उनके नए आवास का पता बी-8, 74 बंगला है। शिवराज सिंह चौहान ने अपने इस नए घर का नाम “मामा का घर” रखा और साथ ही उन्होंने इस नाम के पीछे की वजह X पर शेयर की। 

नए आवास के नाम की सूचना X पर दी 

शिवराज सिंह चौहान का मध्य प्रदेश की जनता से एक पारंपरिक नाता रहा है, उन्होंने अपने नए आवास में शिफ्ट होने पर उसका नामकरण कर दिया है। शिवराज सिंह चौहान ने अपने नए घर का नाम “मामा का घर” रखा जिसकी जानकारी उन्होंने X पर शेयर करते हुए लिखा “मेरे प्यारे बहनों-भाइयों और भांजे-भांजियों, आप सबसे मेरा रिश्ता प्रेम, विश्वास और अपनत्व का है।

पता बदल गया है, लेकिन “मामा का घर” तो मामा का घर है। आपसे भैया और मामा की तरह ही जुड़ा रहूँगा। मेरे घर के दरवाजे सदैव आपके लिए खुले रहेंगे। आपको जब भी मेरी याद आये या मेरी जरूरत हो, निःसंकोच घर पधारिये आखिर यह आपके मामा और भैया का घर जो है”। 

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