सहारा इंडिया: विश्वासघात और वित्तीय अस्तित्व के पंचतत्व

सहारा इंडिया के मुखिया सुब्रत राय पंचतत्व में विलीन हो गए। सहारा के डूबने के साथ-साथ उन लोगों की उम्मीद धीरे-धीरे शिथिल होती गई, जिन लोगों ने स्थानीय लोगों से करोड़ों रुपये का कलेक्शन कर सहारा में जमा करवाया था। सहारा इंडिया में निवेशकों की ही नहीं, कलेक्शन एजेंट के रूप में काम कर रहे हजारों स्थानीय लोगों की भी बड़ी फजीहत हुई। बहुत से कलेक्शन एजेंट को अपनी सम्पत्ति, घर, दुकान, जमीन बेचकर पैसा रिटर्न कर अपनी जान बचानी पड़ी। ऐसे में कुछ सहारा एजेंटों ने सैकड़ों लोगों को व्यतिगत रूप से पैसा वापस किया।

सहारा इंडिया के एजेंट्स गायब हो गए

ज्यादा ब्याज, ज्यादा मुनाफे के लिए जिन लोगों ने सहारा के स्कीम्स में पैसा लगाया था, उन्हें ब्याज तो दूर मूलधन भी नहीं मिला। कुछ लोगों ने बेटी की शादी के लिए तो किसी ने अपने बुढ़ापे के लिए सहारा की योजनाओं में पैसा निवेश किया था, लेकिन ये पैसा अंधेरे में डूब गया। लोगों ने कम समय में अधिक मुनाफे के लिए जिन सहारा एजेंट्स की मदद से सहारा की निवेश योजनाओं में पैसा लगाया, वो भी गायब हो गए।

सहारा इंडिया पोर्टल

18 जुलाई को केंद्र सरकार ने सहारा के निवेशकों के लिए सहारा रिफंड पोर्टल लॉन्च कर दिया है। इस पोर्टल की मदद से सहारा ग्रुप ऑफ कॉपरेटिव सोसाइटीज के जमाकर्ता और सदस्यों की शिकायतों का निपटारा हो सकेगा। जिन लोगों का पैसा सहारा के स्कीम्स में फंसा है उन्हें इस पोर्टल के जरिए अपना डूबा पैसा वापस मिलेगा।

सरकार ने ‘सहारा रिफंड पोर्टल’ लॉन्च कर दिया है, जिसके माध्यम से करोड़ों लोग अपने रिफंड क्लेम को जमा कर पैसा वापस पा सकते हैं। सहारा समूह की अलग-अलग सोसायटी में भले ही आपका कितना भी पैसा जमा हो, लेकिन फिलहाल आपको 10000 रुपये ही रिफंड के तौर पर दिए जाएंगे। यानी भले ही आपको 1 लाख रुपया सहारा के स्कीम में फंसा हो, लेकिन फिलहाल आपके बैंक खाते में रिफंड के तौर पर सिर्फ 10000 रुपये ही जमा किए जाएंगे।

शुरुआती चरण में करीब 1 करोड़ 7 लाख लोगों का पैसा रिफंड किए जाएंगे

इस पोर्टल के माध्यम से सरकार सहारा के 10 करोड़ लोगों को कुल 5000 करोड़ रुपये वापस करेगी। हर जमाकर्ता को फिलहाल अधिकतम 10 रुपये ही रिफंड किए जाएंगे। यह सिर्फ ट्रायल के तौर पर किया जा रहा है। जैसे ही ट्रायल सफल हो जाएगा, निवेशकों को उनका बाकी पैसा ब्याज समेत वापस कर दिया जाएगा। हालांकि इस बात की जानकारी पूरी तरह से नहीं मिल सकी है कि बाकी रकम कब तब दी जाएगी। शुरुआती चरण में करीब 1 करोड़ 7 लाख सहारा निवेशक इस पोर्टल के माध्यम से क्लेम कर सकेंगे।

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45 दिनों के भीतर लोगों का पैसा रिफंड हो सकता है

सहारा रिफंड पोर्टल के जरिए क्लेम करने के लिए, जमाकर्ता को सबसे पहले अपना आधार कार्ड अपने मोबाइल फोन और बैंक खाते से लिंक करना होगा। अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो सहारा में फंसे पैसे को वापस पाना मुश्किल हो सकता है। बिना आधार लिंक किए हुए मोबाइल फोन और बैंक खाते के साथ, आप पोर्टल के जरिए क्लेम नहीं कर पाएंगे। क्लेम के 45 दिनों के भीतर, आपका पैसा सीधे बैंक खाते में जमा हो जाएगा।

भले ही आपका पैसा सहारा की विभिन्न स्कीमों में फंसा हो, लेकिन आपको केवल एक बार क्लेम दावा करना होगा। आपको सभी सोसाइटीज में जमा की गई राशि की विस्तृत जानकारी केवल एक बार क्लेम फॉर्म के साथ सबमिट करनी होगी। सबमिट करते समय, सभी सोसाइटीज में जमा की गई राशि के रसीदें भी साथ में देनी होंगी।

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