सहारा ग्रुप के संस्थापक: सहारा ग्रुप के संस्थापक सुब्रत रॉय की मृत्यु के बाद, सहारा की वित्तीय योजनाओं में फंसे लोगों के पैसों का क्या होगा? वर्तमान में यह रकम स्पेशल बैंक खातों में निवेशकों को लौटाने के लिए पड़ी है। पिछले 11 वर्षों से यह रकम पात्र निवेशकों को वापस नहीं दी गई है। सुब्रत रॉय के निधन के बाद, केंद्र सरकार इस धन को भारत सरकार की निधि में जमा करा सकती है, जिससे यह रकम पात्र निवेशकों को वापस मिल सके।
सहारा ग्रुप के मालिक का निधन
सहारा ग्रुप के संस्थापक: सहारा ग्रुप के फाउंडर सुब्रत रॉय सहारा राय थे। वर्तमान में अब उनका निधन हो चुका है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि सहारा ग्रुप में लोगों के फंसे हुए पैसे को अब लोगों तक कैसे पहुंचा जाए। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने फैसला लिया है कि जिन लोगों ने सहारा ग्रुप में निवेश किया है। उन लोगों को ब्याज सहित उनका पैसा दिया जाएगा। अब सहारा ग्रुप के इस फंड को सरकारी खजाने में जमा करके लोगों को वापस किया जाएगा। ताकि आसानी से निवेशकों का पैसा वापस किया जा सके।
11 वर्षों से खाते में लापता रकम
जब सेबी द्वारा दिए गए विवरणों की पुष्टि करने के बाद भी यदि किसी ग्राहक का पता नहीं लगा पाती है, तो उस ग्राहक की द्वारा जमा की गई राशि को सरकार को दे दी जाएगी। इस बीच एक नई रिपोर्ट सामने आई है। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सहारा के पैसों को कंसोलिडेटेड फंड में ट्रांसफर करने पर विचार किया जा रहा है। सरकार इस मामले में कानूनी सलाह ले रही है। इससे भविष्य में निवेशकों को अपने दावों के लिए रुपया वापस मिलने की उम्मीद है।
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सहारा ग्रुप को निवेशकों का पैसा ब्याज सहित लौटाने का आदेश
सहारा ग्रुप में निवेश रकम करीब 25 हजार करोड़ रुपये से अधिक वसूले गए थे, और 31 मार्च तक करीब 138 करोड़ रुपये ही ट्रांसफर किए गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने सेबी के फैसले को बरकरार रखा था और सहारा ग्रुप को निवेशकों का पैसा ब्याज सहित लौटाने का आदेश दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के पास फंड जमा करने की भी बात कही थी। कई निवेशक अभी तक सामने नहीं आए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने वेरिफिकेशन के बाद भी निवेशकों की पहचान न होने पर सरकार को इस तरह के फंड जमा करने का आदेश दिया था। ईडी के अधिकारी ने बताया कि ऐसे निवेशकों का पैसा सामाजिक विकास से जुड़ी योजनाओं में इस्तेमाल किया जा सकता है।