8वीं किश्त से बाहर: मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री बदलने के बाद बड़ी मुश्किल से अब जाकर के तो प्रदेश की लाडली बहना योजना हितग्राही महिलाओं को नए सीएम डॉ मोहन यादव पर विश्वास हुआ था कि वह अब उनको योजना का लाभ उपलब्ध कराएंगे पर लाभार्थी एवं योजना का लाभ लेने की इच्छुक महिलाओं को लाभ मिलने का तो पता नहीं पर लाभ से वंचित रहने की पक्की खबर आज हम लेकर आए हैं।
विधानसभा चुनाव के बाद लाडली बहना योजना की आठवीं किस्त और तीसरे चरण को आरंभ करने के लिए प्रदेश की लाखों महिलाएं CM डॉ मोहन यादव से बार-बार अनुरोध कर रही है। बता दे कि CM डॉ मोहन यादव ने आठवीं किस्त और योजना को आगे निरंतर चलाने की घोषणा तो कर दी है पर इस योजना का लाभ लाभार्थी महिलाओं को आगे और नहीं मिल पाएगा क्योंकि मध्य प्रदेश सरकार ने 1.32 पात्र हितग्राही महिलाओं के आवेदन सूची की जांच करने के निर्देश जारी किए हैं जिसमें से अपात्र महिलाओं को योजना से हटाया जा रहा है।
आवेदन के पुनः जांच के निर्देश
8वीं किश्त से बाहर: लाडली बहना योजना के अंतर्गत 1.32 करोड़ लाभार्थी महिलाओं को योजना का लाभ बिना किसी रूकावट के पहुँचाया जा रहा है पर अब महिलाएं निरंतर इस योजना का लाभ नहीं ले पाएंगे क्योंकि CM डॉ मोहन यादव ने लाभार्थी महिलाओं के आवेदन की पुनः जांच के निर्देश विभाग को दिए हैं। जारी निर्देशों के मुताबिक योजना का लाभ सिर्फ उन्हीं महिलाओं को पहुंचाया जाएगा जो योजना के लिए पात्र हैं और आर्थिक रूप से कमजोर है इसलिए अब विभाग द्वारा आवेदन की पुनः जांच होगी और अपात्र महिलाओं को योजना से हटाया जाएगा।
हजारों महिलाएं हुई योजना से अपात्र
लाडली बहना योजना की 1.32 करोड़ हितग्राही महिलाओं की सूची की विभाग द्वारा पुनः जांच के बाद अभी तक 2700 से अभी अधिक महिलाओं के आवेदन को रिजेक्ट किया जा चुका है। जानकारी के लिए बता दें के लाभार्थियों को अपात्र करने की मध्य प्रदेश सरकार की प्रक्रिया अभी समाप्त नहीं हुई है विभाग द्वारा आवेदनों की जांच जारी है जो भी महिला का आवेदन लाडली बहना योजना की पात्रता के योग्य नहीं होगा उनको योजना के वंचित कर दिया जाएगा।
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जाने इस अपात्रता का कारण
लाडली बहना योजना को आरंभ करने का राज्य सरकार का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना था इसलिए इस योजना का लाभ भी आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को दिया जायेगा योजना में अनेकों महिलाएं ऐसी है जो इस योजना के लिए पात्र नहीं है वहीं कुछ तो ऐसी हैं जिन्होंने गलती से या धोखाधड़ी से गलत जानकारी देकर योजना में अपना नाम दर्ज करवाया उनको जांच के दौरान योजना से हटाया जा रहा है।