CM मोहन यादव: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के बाद बुधवार को पहली बार विधायक दल की बैठक रखी गई थी जिसमें मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि जमीन की रजिस्ट्री होने के बाद पटवारी को उसका नामांतरण करना पड़ेगा। इसके साथ ही उन्हें कहा कि “लापरवाही करने वाले पटवारियों और जिम्मेदार अफसरों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी”।
जानकारी के लिए बता दें कि ये घोषणा सीएम मोहन यादव ने पांढुर्णा जिले के कौड़िया और पाठई ग्राम में अयोजित हुई एक जनसभा में की थी। सीए मोहन यादव ने कौड़िया और पाठई में जनसभा को संबोधित करते हुए दूर दराज से आये किसानों और अन्य ग्रामीणों की शिकायतों को समझा और उनके लिए उचित समाधान निकालने का आश्वासन ग्रामीणों को दिया।
CM मोहन यादव: जनसभा में सीएम यादव के समक्ष ग्रामीण और किसान ने जैविक खेती के प्रोत्साहन, फसल में उचित मूल्य दिलाने और बिजली की परेशानियाँ ख़त्म करने जैसी माँगो का प्रस्ताव रखा है। सीएम मोहन यादव ने भूमि से संबंधित विषयों पर चर्चा करते हुए कहा कि राज्य में अब नया सिस्टम बनाया जाएगा, भूमि खरीद पर रजिस्ट्री के साथ पटवारियों को खुद ही उसका नामांतरण करना होगा।
अब रजिस्ट्री के साथ होगा नामांतरण
सीएम डॉ. मोहन यादव ने पद संभालने के बाद पहली बार विधायक दल की बैठक में अपनी उपस्थिति दी। बतोर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने एक बड़ा फैसला लेते हुए घोषणा की है कि अगर किसी भूमि की रजिस्ट्री हुई है तो उसका नामांतरण करना पटवारियों की जिम्मेदारी है इसके साथ ही सीएम यादव ने कहा अगर कोई पटवारी या कलेक्टरों के साथ कोई अन्य अफ़सर नामांतरण करने में देरी करता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
1 जनवरी 2024 से लागू होगी नई व्यवस्था
CM मोहन यादव ने सूचित करते हुए बताया कि भूमि या खेती की जमीन खरीदी पर पहले रजिस्ट्री के बाद पटवारियों वा अन्य अधिकारियों के कार्यालयों के चक्कर लगाना पड़ते थे लेकिन अब ऐसा नहीं होगा 1 जनवरी 2024 से साइबर तहसील दायरा लागू किया जाएगा जिसमें अपने दस्तावेजों का नामांतरण और पंजीकरण करवाने के लिए आवेदकों को अलग से परेशान नहीं होना पड़ेगा उसके लिए भूमि की रजिस्ट्री करवाते समय ही इसका नामांतरण कर दिया जाएगा जिससे आवेदकों को सरकारी कार्यालय और पटवारियों के चक्कर नहीं लगाने पड़े।
इसे भी पढ़ें – मोदी की गारंटी: 3 करोड़ निवेशकों को पूरा रिफंड