2500 करोड़ कर्ज फिर से ट्रांसफर: 2 महीने में 2वीं बार

2500 करोड़ कर्ज फिर से ट्रांसफर: ऐसा दूसरी बार हुआ है जब मध्य प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने रिजर्व बैंक आफ इंडिया से 50 दिनों के अंतराल में दूसरी बार कर्ज लिया। प्रदेश सरकार ने RBI के आगे 2500 करोड रुपए के ऋण का प्रस्ताव रखा था, जिसको स्वीकृति मिल गई है। बता दें कि मोहन सरकार ने यह ऋण RBI से 16 साल के टेन्योर में लिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक राज्य सरकार ने 2500 करोड रुपए के कर्ज के पीछे का कारण प्रदेश के 26 विभागों की आर्थिक स्थिति का बिगड़ना बताया है। 

वर्तमान की मोहन यादव सरकार को सत्ता में आने के बाद पिछली शिवराज सरकार द्वारा लिए गए 3.5 लाख करोड रुपए के कर्ज का भार भी उठाना पड़ रहा है। प्रदेश सरकार ने अब 24 जनवरी 2024 को 2500 करोड रुपए का और कर्ज RBI से लिया है। सरकार ने यह राशि 26 विभागों की आर्थिक स्थिति ठीक करने के उद्देश्य से ली है, दरअसल प्रदेश के 26 विभागों की स्थिति 3 महीने का बजट तय करने से बिगड़ गई है जिसको पटरी पर लाने के लिए मोहन यादव सरकार ने यह निर्णय लिया है। 

50 दिनों में दो बार 2500 करोड कर्ज़  

2500 करोड़ कर्ज: मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने सरकार के गठन के बाद ही 50 दिनों के अंतराल में दूसरी बार RBI से कर्ज लिया है। बता दें कि मोहन यादव सरकार ने RBI से 2500 करोड रुपए का कर्ज लिया ह, जिसको सरकार ने RBI को 16 साल में चुकाने का वादा किया है। इसी प्रकार मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने सत्ता में कदम रखने के बाद 27 दिसंबर को प्रदेश के विकास कार्य और आर्थिक गतिविधियों का हवाला देकर RBI से 2000 करोड रुपए का कर्ज लिया था। मोहन सरकार ने इस कर्ज को चुकाने के लिए भी RBI से 16 साल तक की मोहलत मांगी है। 

प्रदेश के 26 विभागों की आर्थिक स्थिति खराब 

मध्य प्रदेश के कुल 26 विभागों की आर्थिक स्थिति बिगड़ने से ही मोहन यादव सरकार ने वित्तीय बजट जारी होने से पहले ही राज्य के 26 विभागों को खर्च के लिए राशि आवंटित कर दी है। सरकार ने हाल ही में 26 विभागों को 8,623 करोड रुपए का आवंटन किया है खर्च के लिए। 

सरकार के ऊपर 3 लाख 33 हज़ार करोड़ के ऋण का बोझ  

मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार वर्तमान में 3 लाख 33 हज़ार करोड रुपए के कर्ज में डूबी हुई है। हालांकि वर्तमान मोहन यादव सरकार को पिछली शिवराज सरकार का 3 लाख 28 हज़ार 500 करोड़ के कर्ज़ का भार भी उठाना पड़ रहा है। 

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प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा चुनाव से पहले ही सितंबर के महीने में 12000 करोड रुपए की बड़ी रकम का कर्ज लिया था, इसके लगातार कुछ ही दिनों के अंतराल में उन्होंने 1000,2000,2000 करोड रुपए का कर्ज फिर लिया। इस तरह राज्य सरकार के ऊपर कुल 3 लाख 33 हजार रुपए का कर्ज़ है।

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