सीएम हेल्पलाइन: मध्यप्रदेश सीएम हेल्पलाइन जिसे जुलाई 2014 में प्रदेश सरकार द्वारा शुरू किया गया। सीएम हेल्पलाइन शुरू करने का उद्देश्य नागरिकों और आम जनता को हो रही समस्याओं का निकारण करने के लिए शुरू किया गया परन्तु आज के समय इसकी स्थिति बहुत ही चिंता का विषय क्योंकि अभी तक पूरे प्रदेश के कुल 5 लाख अधिक समस्या पेंडिग है ऐसे में सवाल यह उठता है कि इसका निकरण आखिर कब और कैसे होगा।
आपको बता दें कि ये वो शिकायतें हैं, जो आम जन लोगों ने अलग अलग विभाग के अधिकारियों द्वारा सुनवाई नहीं किए जाने पर सीएम हेल्पलाइन पर अपनी शिकायतों को दर्ज कराया है लेकिन बड़ी समस्या ये है कि अब यहां भी उनकी सुनवाई नहीं हो पा रही है। इसी वजह से लंबित शिकायतों का आंकड़ा दिनों दिन बढ़ता जा रहा है।
मध्यप्रदेश के अलग-अलग विभागों की लगभग दो लाख 72 हजार 144 शिकायतें 50 दिन से अधिक समय से अटकी हुईं है जिनको अधिकारियों ने अपने स्तर पर ही बंद कर दिया था उसके बाद शिकायतकर्ता ने उनकी जांच न होने पर फिर से अपनी शिकायत दर्ज कराई है। आपको बता दें कि भोपाल, भिंड, ग्वालियर, शिवपुरी और मुरैना ये ऐसे जिले हैं जहाँ पर 10-10 हजार से अधिक शिकायतें दर्ज करी गई है।
सीएम हेल्पलाइन
सीएम हेल्पलाइन में अपनी शिकायत दर्ज करने के लिए आपको 181 नंबर पर कॉल करना होगा उसके बाद यह कॉल CM Help Line सेंटर में जायगा उसके बाद वहां बैठी टीम संबंधित व्यक्ति से उसकी समस्या, घर का पता और अन्य जरुरी जानकारी आदि के बारे में पूछेगी। इसके बाद आपकी शिकायत दर्ज कर ली जायगी और आपको पंजीयन नंबर भी दिया जाएगा। ज्ञात हो कि आप जिस नंबर से कॉल करेंगे वही आपका रेजिस्टर्ड नंबर के रूप में दर्ज कर लिया जायगा।
इन जिलों में अटकी 10 हजार से अधिक शिकायतें
- सागर – 7,306
- विदिशा – 4,618
- उज्जैन – 4,468
- रीवा – 9,087
- जबलपुर – 7,190
- कटनी – 5,076
- इंदौर – 9,594
- सीधी – 6,691
- छतरपुर – 8,077
- राजगढ़ – 5,422
- टीकमगढ़ – 6,780
- शहडोल – 6,090
- ग्वालियर – 11,900
- पन्ना – 5,477
- अशोकनगर – 5,568
- गुना – 7,155
- भोपाल – 11,362
- सिंगरोली – 7,313
- भिंड – 10,721
- शिवपुरी – 14,365
- मुरैना – 12,832
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