18 यूनिवर्सिटी का डिफाल्टर: नमस्कार दोस्तों UGC इंडिया ने मध्य प्रदेश की 18 यूनिवर्सिटी को डिफाल्टर घोषित कर दिया है और पूरे भारत में कुल 421 विश्वविद्यालयों को इस सूची में शामिल किया गया। मध्यप्रदेश में सबसे अधिक जबलपुर संभाग से कुल 5 विश्वविद्यालयों को डिफाल्टर घोषित किया गया है। UGC इंडिया द्वारा इन विश्वविद्यालयों को डिफाल्टर घोषित इसलिए किया गया क्योंकि यहाँ पर लोकपाल की नियुक्ति नहीं की गई है तो यह सीधा मामला लोकपाल की नियुक्ति को लेकर है।
डिफाल्टर यूनिवर्सिटी की लिस्ट
UGC द्वारा डिफाल्टर घोषित किये जाने वाले यूनिवर्सिटी में सबसे पहले नंबर पर जबलपुर शामिल है यहाँ के अधिकांश यूनिवर्सिटी को UGC ने डिफाल्टर कर दिया है। इसके बाद भोपाल तीन और ग्वालियर के दो यूनिवर्सिटी को डिफाल्टर में शमिल किया गया बाकि अन्य जिलों के एक-एक यूनिवर्सिटी डिफाल्टर हुए हैं। आप इस लिस्ट के जरिये इनके नाम देख सकते हैं –
- अवेधश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा
- पंडित एसएन शुक्ल विश्वविद्यालय, शहडोल
- महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय, चित्रकूट
- संगीत एवं कला विश्वविद्यालय, ग्वालियर
- जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर
- पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय, जबलपुर
- विधि विश्वविद्यालय, जबलपुर
- रानी दुर्गावति विश्वविद्यालय, जबलपुर
- मप्र चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय, जबलपुर
- कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर
- पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल
- राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, भोपाल
- हिन्दी विश्वविद्यालय, भोपाल
- संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय, उज्जैन
- छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, छतरपुर
- सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय, इंदौर
- राजा शंकरशाह विश्वविद्यालय, छिंदवाडा
- सांची विश्वविद्यालय, रायसेन
जानिये क्या है UGC
18 यूनिवर्सिटी का डिफाल्टर: यूजीसी का पूरा नाम University Grants Commission (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग) है जिसका गठन 28 दिसंबर, 1953 को किया गया। यूजीसी के अंतर्गत विश्वविद्यालयों में शिक्षण, परीक्षा और अनुसंधान के मानकों के समन्वय, निर्धारण और रख-रखाव आदि का विशेष ध्यान रखा जाता है इसके लिए 1956 में संसद के एक अधिनियम द्वारा भारत सरकार का एक वैधानिक संगठन बनाया गया।
इसे भी पढ़ें – अवैतनिक अतिथि शिक्षकों की धरना
यहाँ पढ़ रहे स्टूडेंट्स का क्या होगा
यदि आप भी डिफाल्टर घोषित किये गए विश्वविद्यालयों में शामिल हैं तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है वर्तमान सत्र में परीक्षा, मार्कशीट, डिग्री, डिप्लोमा, पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। क्योंकि ये सभी यूनिवर्सिटी को मान्यता प्राप्त हैं और आने वाले 3 महीने के अंदर सभी विश्वविद्यालय लोकपाल की नियुक्ति हो जायगी और उनविश्वविद्यालयों का नाम डिफाल्टर की लिस्ट से बाहर हो जाएगा।