मध्य प्रदेश: MP News: मध्य प्रदेश में लाडली बहनों को हर महीने 1250 रुपये आर्थिक सहायता के रूप में दिए जाते हैं ताकि महिलाएं सशक्त और आत्मनिर्भर बन सकें। लेकिन इसकी दूसरी तरफ राज्य में आशा कार्यकर्ताओं को पिछले तीन माह से वेतन नहीं मिला है और इसी के चलते आशा कार्यकर्ताओं ने काम बंद कर प्रशासन को चेतावनी दी।
तीन महीने से नहीं मिला भुगतान वा प्रोत्साहन राशि
मध्य प्रदेश में आशा कार्यकर्ताएं जो कि स्वास्थ्य सेवाओं का भी कार्य करती हैं एवं लोगों को लाभ दिलाती है उन्हीं आशा कार्यकर्ताओं व सुपरवाइजर को पिछले तीन महीने से भुगतान नहीं किया गया है। विधानसभा चुनाव के पहले राज्य सरकार ने प्रोत्साहन प्रोत्साहन राशि देने का भी वादा किया था जो कि अब तक नहीं दिया गया है और इसी के चलते आशा कार्यकर्ताओं को आर्थिक तंगी सिंह गुजरना पड़ रहा है।
आशा कार्यकर्ताओं को वेतन न मिलने की वजह से स्वास्थ्य विभाग में चक्कर लगाते हुए नजर आ रही है। क्योंकि अकाउंटेंट ने पहले लापरवाही बरती थी जिसका हर्जाना अब तक उन्हें भुगतना पड़ रहा है। अब भुगतान की कोशिश की जा रही है तो राशि न होने की वजह से मामला अटक गया है और आशा कार्यकर्ताओं को समय पर वेतन नहीं मिलने से काफी नाराज है। और अब काम बंद कर अपना क्रोध जाहिर कर रही हैं।
विभाग द्वारा आशा कार्यकर्ताओं की कोई सहायता नहीं
आशा कार्यकर्ताओं द्वारा सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाना लोगों किसकी जानकारी देना प्रसव, एएनसी, टीकाकरण, एमसीसी जैसे कई कार्य दिए जाते हैं। आशा कार्यकर्ताओं को इस तरह के बहुत महत्वपूर्ण कार्य सौंपे जाते हैं। इसके बावजूद भी उन्हें अपने वेतन के लिए परेशान होना पड़ रहा है। और इसी के चलते आशा कार्यकर्ताओं ने स्वास्थ्य विभाग को वेतन संबंधी इस समस्या से अवगत कराया लेकिन स्वास्थ्य विभाग द्वारा भी किसी तरह की मदद नहीं की गई।
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आशा कार्यकर्ताओं ने की जल्द भुगतान की मांग
- आशा कार्यकर्ता वेतन न मिलने की वजह से बेहद परेशान है और इसी के चलती उन्होंने जल्द भुगतान करने की मांग रखी हुई है। आशा कार्यकर्ताओं को कहना यह है कि पहले तो हमें हमारा वेतन और प्रोत्साहन राशि दी जाए। जैसा कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी ने विधानसभा चुनाव से पहले कहा था कि दिसंबर से प्रत्येक महीने की 5 तारीख को वेतन जमा हो जाएगा। लेकिन अब तक ऐसा नहीं हुआ है।
आशा कार्यकर्ताओं को लंबे समय से वेतन न मिलने की वजह से बेहद नाराज है और आक्रोश में उन्होंने प्रशासन को कम बंद कर चेतावनी दी। हालांकि आशा कार्यकर्ताओं ने वेतन संबंधी समस्याओं के चलते कई वरिष्ठ अधिकारियों को पहले ही पत्र लिख चुका है लेकिन अब तक किसी भी तरह की कार्यवाही प्रशासन की तरफ से नहीं की गई है।