शिवराज की बहना योजना खतरे में: मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी सरकार को जीत मिल चुकी है। और अब सीएम पद की चर्चा पूरे राज्य में हैं। तमाम बड़े नेता दिल्ली में डेरा जमाएं हुए हैं और एक तरफ शिवराज सिंह चौहान ने यह बयान दिया कि वो सीएम पद की दौड़ में नहीं है और न ही पहले थे। लेकिन राज्य के अन्य दावेदार लाडली बहना योजना को जीत का क्रेडिट नहीं मान रहे। और इसी वजह से बीजेपी सरकार में ही अंदुरूनी चुनावी सिसायत शुरू हो चुकी है।
कैलाश विजयवर्गीय ने लाडली बहना योजना को फूल बताया
शिवराज की बहना योजना खतरे में: शिवराज सिंह चौहान जी लाडली बहना योजना को शुरू किया जिसका लाभ राज्य की तमाम महिलाओं को मिल रहा है। राजनीति के विशेषज्ञ यह मान रहे हैं कि महीला वोटरो की वजह से ही इस विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने एक तरफा जीत हासिल की। जिसका पूरा क्रेडिट शिवराज सिंह चौहान जी को जाता है।
लेकिन इसके दूसरे तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्रा मोदी जी की लहर को कुछ लोग जीत की वजह बता रहे हैं। और इसी बात पर कैलाश विजयवर्गीय जी ने जीत की वजह मोदी लहर को बताया। एक तरफ जीत का श्रेय शिवराज सिंह चौहान जी की लाडली बहना योजना को दिया जा रहा था लेकिन कैलाश विजयवर्गीय जी ने इस बात से साफ़ इंकार कर दिया और लाडली बहना योजना को फूल बताया।
मध्यप्रदेश सीएम पद की रेस में तमाम बड़े नेता
इस विधानसभा चुनाव मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार की एक तरफ जीत के बाद राज्य के तमाम नेता सीएम पद की दौड़ में है और दिल्ली के डेरे लग रहे हैं। और इस रेस में प्रहलाद पटेल से लेकर भाजपा के दिग्गज नेता कैलाश विजयवर्गी भी शामिल है, क्योंकि इस बार सीएम पद की रेस से शिवराज सिंह चौहान जी पहले ही खुद को बाहर कर चुके हैं। और यही एक कारण है कि बीजेपी से सभी बड़े नेता सीएम पद की दौड़ में शामिल हैं।
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लेकिन यह बात सभी लाडली बहनों को चौंका देने वाली है क्योंकि कैलाश विजयवर्गीय ने जिस तरह का बयान लाडली बहन योजना को लेकर दिया है उससे यह साफ हो जाता है कि भाजपा नेताओं का मानना है की लाडली बहन योजना चुनाव जीतने में कोई अहम भूमिका नहीं निभाई है और इसी वजह से इस योजना को बंद भी किया जा सकता है।
अगर शिवराज सिंह चौहान जी मुख्यमंत्री नहीं बनते हैं तो जरूर ही इस योजना पर विराम लग सकता है। लेकिन अभी इस बात की सटीक जानकारी नहीं है कि सीएम पद के लिए किसे चुना जायगा। वैसे केंद्र सरकार यह आगामी 1 से 2 दिनों में मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ तीनों ही राज्यों के लिए सीएम पद के चेहरे सामने लाने वाली है।