MP CM: क्या आप जानते हैं मामा की छवि से लोकप्रिय मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के राजनीतिक जीवन की शुरुआत कब और किस प्रकार की हुई थी? मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के राजनीति जीवन पर रोशनी डालते हुए हम आगे बढ़ते हैं। मध्य प्रदेश के जाने वाले मुख्यमंत्री और भाजपा का एक अहम चेहरा शिवराज सिंह चौहान ने अपने राजनीतिक कैरियर की शुरुआत महज़ 13 साल की उम्र में की थी।
MP CM: 13 साल की उमर में आरएसएस में शामिल हुए उसके बाद छात्र संघ के अध्यक्ष बने और इंदिरा गांधी के तत्काल पर पुरजोर विरोध किया जिस करण 1976-1970 में उन्हें जेल भी जाना पड़ा लेकिन उनका कैरियर यहीं समाप्त नहीं हुआ 1990 में पहली बार चुनाव जीतकर मध्य प्रदेश के विधायक बने जिसके पांच साल बाद 29 नवंबर 2005 में पहली बार मुख्यमंत्री के पद पर बैठ कर राज्य की सेवा की शपथ ली।
13 साल की उम्र में रखा राजनीति में कदम
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने राजनीतिक कैरियर की शुरुआत 13 साल की उम्र में अपनी 10वीं कक्षा में पहला चुनाव लड़कर की थी। तब वह चुनाव हार गए थे और 11वीं कक्षा में चुनाव जीतकर साल 1975 में छात्र संघ के अध्यक्ष बने थे। अपनी पढ़ाई के लिए उन्हें अपना गांव छोड़ कर भोपाल आना पड़ा था और तभी वह राष्ट्रीय सेवा संघ से जुड़े थे।
जेल से तय किया “मामा” तक का सफर
शिवराज सिंह चौहान ने 13 साल की उम्र में ही कांग्रेस को ललकारना शुरू कर दिया था और प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाये गए आपात काल का पुरजोर विरोध किया था जिस करण वह पहली बार साल 1976-77 में जेल भी गये थे। जेल से अवधि पूरी कर वह महासचिव और राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य भी बने।
भाजपा से जुड़कर 1991 में पहली बार संसद बने
1991 में अटल बिहारी वाजपेई ने दो विधान सभा सीटों पर चुनाव लड़ा था जिसमें दोनों ही सीटों पर विजयी होने पर लखनऊ को प्राथमिकता देते हुए विदिशा विधान सभा सीट पर इस्तीफा दे दिया था जिस वजह से भाजपा ने शिवराज सिंह चौहान को विदिशा से उपचुनाव लड़ाया गया और 1991 से 2005 तक विदिशा के संसद के पद पर बैठे रहे और अब तक वे पांच बार विदिशा सीट से संसद रह चुके हैं।
2005 में पहली बार सीएम की कुर्सी संभाली
अपने राजनीतिक कैरियर की सीढ़ियाँ तेजी से चढ़ते हुए शिवराज सिंह चौहान साल 2005 में पहली बार मुख्यमंत्री के पद पर बैठे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को सबसे लंबे समय की अवधि वाले सीएम के रूप में भी जाना जाता है उनके नेतृत्व में बीजेपी ने 2008 और 2013 में भारी बहुमत से विधानसभा चुनाव को जीता था।
वही साल 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने पर बीजेपी की सत्ता गिर गई पर कांग्रेस का कार्यकाल बहुत कम रहा और कांग्रेस सरकार गिरने पर बिना किसी मार्गदर्शन के सीएम की कमान को शिवराज सिंह चौहान ने बख़ूबी संभला और मध्य प्रदेश के चौथी बार मुख्यमंत्री बने।
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