सुप्रीम कोर्ट का फैसला: पुरानी पेंशन योजना की बहाली को लेकर केंद्र सरकार के कर्मचारी एक बार फिर लामबंद होकर दिल्ली के रामलीला मैदान में विरोध प्रदर्शन करने की तैयारी में है। मध्य प्रदेश राज्य कर्मचारी महासंघ एवं संयुक्त संघर्ष संचालन समिति (S-4) के पदाधिकारी 31 अक्टूबर से चरणबद्ध आंदोलन कर तीन नंबर पर धरना देने की योजना बना रहे हैं।
पुरानी पेंशन योजना
सुप्रीम कोर्ट का फैसला: पुरानी पेंशन योजना नवीनतम समाचार के अनुसार राज्य कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष हाफिज सिद्दीकी ने कहा है कि राज्य भर में जागरूकता रैलियां के माध्यम से कर्मचारियों को आंदोलन में शामिल होने के लिए प्रेरित किया जा रहा है सहकारिता भवन में आयोजित सम्मेलन में संयुक्त संघर्ष संचालन समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष विनय कुमार सिंह ने कहा है की पुरानी पेंशन योजना की बहाली के लिए 30 अक्टूबर से 2 नवंबर तक सांसदों को खुला पत्र जारी किया जाएगा।
राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड ,पंजाब, और हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना लागू होने के बाद आगामी लोकसभा चुनाव से पहले देश में एक बार फिर पुरानी पेंशन योजना की बहाली को लेकर चर्चा तेज हो गई है।
पुरानी पेंशन योजना सुप्रीम कोर्ट का फैसला
उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्याय मूर्ति विवेक सिंह ठाकुर और न्यायमूर्ति विपिन चंद्र नेगी की खंडपीठ ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा है कि पेंशन संविधान की सामाजिक -आर्थिक आवश्यकताओं के मध्य नजर एक सामाजिक सुरक्षा योजना है जो सेवानिवृत्ति की अवधि के लिए सहायता प्रदान करती है।
हाई कोर्ट की बेंच ने यह आदेश रूपलाल नाम के याचिका कर्ता पर सुनवाई के बाद दिया हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को पुरानी पेंशन योजना पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुरूप एक माह के भीतर सभी पेंशन लाभ देने का आदेश जारी किया है राज्य में पुरानी पेंशन योजना की बहाली को लेकर नया अपडेट सामने आया है।
केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना
पेंशन कर्मचारियों की है जो एक बहुत बड़ा मतदाता वर्ग है राजनीतिक दल इसे शोक प्रकट करने के हथियार के रूप में प्रयोग कर रहे हैं | अब पुरानी पेंशन योजना को लेकर नई बहस छिड़ गई है पुरानी पेंशन योजना को 1 अप्रैल 2004 को बंद कर दिया गया और उसकी जगह राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली लागू की गई। दावा है की नई योजना में कर्मचारियों को पुरानी योजना की तुलना में बहुत कम लाभ मिलता है इससे उनका भविष्य सुरक्षितनहीं है। रिटायरमेंट के बाद मिलने वाले पैसे पर भी टैक्स देना होता है जो की काफी इस योजना को लाभप्रद नहीं मानता।
ओल्ड पेंशन स्कीम क्या है
ओल्ड पेंशन स्कीम जिसे ऑप्स भी कहा जाता है एक पेंशन स्कीम है जिसमें सरकारी कर्मचारियों के लिए पेंशन का निर्धारण किया जाता है इसके तहत कर्मचारियों को उनके सेवानिवृत होने पर उनकी आखिरी सैलरी का 50% और महंगाई भत्ता या सेवा के अंतिम 10 महीना में उनकी औसत कमाई का पेंशन दिया जाता है यह पेंशन स्कीम कर्मचारी के लिए सुरक्षित होती है और उन्हें अपनी पेंशन में योगदान करने की आवश्यकता नहीं होती है।
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क्या राज्य सरकार ओल्ड पेंशन स्कीम लागू कर सकती है
राज्य सरकार भी ओल्ड पेंशन स्कीम को अपने कर्मचारियों के लिए लागू कर सकती है इसमें केंद्र सरकार की भागीदारी नहीं होती है और अगर राज्य सरकार इसे लागू करती है तो उसका भुगतान राज्य सरकार के खजाने से किया जाता है इसमें केंद्र सरकार की कोई भी वित्तीय सहायता नहीं मिलती है।