MP सरकार: मध्य प्रदेश की नई मोहन सरकार सरकारी कर्मचारियों पर सख्ती बरती है। और इसी साल रिटायर हो रहे सरकारी पदों पर कार्यरत अधिकारियों की जानकारी मांगकर जून तक तक जांच पूरी करने का निर्देश दिया गया है। मध्य प्रदेश की नई मोहन सरकार के द्वारा जारी इस आदेश से विभाग में हड़कंप मच गया।
सरकारी कर्मचारियों के लंबित मामलों का होगा निराकरण
मध्य प्रदेश की नई महान सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ लंबित मामलों को 1 साल के अंदर ही निराकरण करने की आदेश दिए हैं। मध्य प्रदेश में लगभग 5 हज़ार से ज्यादा कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय जांच गंभीर अपराधिक मामले लंबित है। और अब मध्य प्रदेश की मोहन सरकार द्वारा यह निर्देश दिया गया है कि 1 साल के अंदर रिटायर होने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ विभाग की जांच 30 जून 2024 के पहले पूर्ण की जाए।
MP सरकार: नियमों के हिसाब से सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ चल रही विभागीय जांच को 150 दिनों के अंदर पूरा करना होता है लेकिन इसके बाद भी ऐसे कई मामले हैं जिनकी जांच ही नहीं हो पा रही है और सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा इन्हीं कारणों से नए नियम जारी किए गए हैं और विभाग की जांच पूरी करने के लिए समय सीमा भी तय की गई है जिसमें यह स्पष्ट आदेश है कि 30 जून 2024 के पहले जांच पूर्ण करना होगा।
भ्रष्ट कर्मचारियों को नहीं मिलेगी पेंशन
केंद्र सरकार द्वारा पहले ही यह आदेश जारी कर दिया गया था कि ऐसे सरकारी कर्मचारी जिनके खिलाफ गंभीर मुकदमे चल रहे हैं एवं वे आपराधिक हैं तो इस स्थिति में उन्हें सेवानिवृत होने के दौरान दी जाने वाली सुविधाएं नहीं दी जाएगी और अब मध्य प्रदेश सरकार द्वारा भी इसी तरह की सख्ती बरती गई है।
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केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए भी संशोधन नियम 13 में सरकार द्वारा यह कहा गया है कि पेंशन लेकर पीएफ के लिए पात्र नही माने जाएंगे। क्योंकि एक ही सदस्य एक समय पर 2 सेवाओं का लाभ नहीं ले सकते।