MP कर्मचारी: मध्य प्रदेश के 12 लाख कर्मचारी एक लंबे समय से महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी का इंतजार कर रहे हैं, वह लगातार राज्य सरकार से महंगाई भत्ते और महंगाई राहत में बढ़ोतरी की मांग करते आ रहे हैं पर सरकार की तरफ से उन्हें कभी दिवाली पर तो कभी नए साल का दिलासा दिया गया जो कि खाली निकला, राज्य के कर्मचारियों को सिवाय निराशा के कुछ भी हाथ नहीं लगा।
जहां एक बार फिर केंद्र सरकार केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते को 46 फ़ीसदी से बढ़ाकर 50 फ़ीसदी करने की तैयारी कर रही है, तो वहीं दूसरी तरफ मध्य प्रदेश राज्य के कर्मचारियों को मेहेज़ 42 फ़ीसदी महंगाई भत्ते से ही गुजारा करना पड़ रहा है। मध्य प्रदेश के तृतीय वर्ग संघ के सचिव उमाशंकर तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया कि “हर बार कैबिनेट बैठक में उम्मीद होती है कि महंगाई भत्ते को बढ़ाने का फैसला लिया जाएगा पर हर बार सिर्फ निराशा ही हाथ लगती है।
कर्मचारी लगातार लगा रहे CM मोहन यादव से उम्मीदें
MP कर्मचारी: मध्य प्रदेश के 7.50 लाख कार्यरत कर्मचारियों और 4.50 लाख सेवानिवृत्त कर्मचारी लगातार मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से महंगाई भत्ते और महंगाई राहत को बढ़ाने की उम्मीद लगाए जा रहे हैं। बता दें कि जुलाई से राज्य के 12 लाख कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में कोई बदलाव नहीं किए गए। वर्तमान में कर्मचारी केवल 42 फ़ीसदी DA से ही जीवन यापन कर रहे हैं, वहीं अन्य राज्य सरकारों ने अपना महंगाई भत्ता 42 फ़ीसदी से 46 फ़ीसदी कर दिया है।
हर कैबिनेट बैठक के बाद निराश हो रहे कर्मचारी
तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के सचिव उमाशंकर तिवारी ने महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी की जानकारी देते हुए बताया कि हर कैबिनेट बैठक के पहले कर्मचारियों को लगता है इस बार सरकार हमारी सुध लेगी लेकिन कैबिनेट बैठक हो जाती है, कर्मचारी झुनझुना पकडे रह जाते हैं। सचिव उमाशंकर तिवारी ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से अनुरोध करते हुए कहा कि कर्मचारियों को महंगाई भत्ते और महंगाई राहत प्रदान करने के आदेश जारी करें।
कर्मचारियों को करना पड़ रहा मुसीबतों का सामना
मध्य प्रदेश के कार्यरत कर्मचारियों सहित सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भी महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी न किए जाने से कई आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उमाशंकर तिवारी का कहना है कि केंद्र सरकार जनवरी में 40% से 50% महंगाई भत्ता और राहत बढ़ाने जा रही है, पर राज्य सरकार अभी तक कोई फैसला लेती नजर नहीं आ रही।
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