मोहन यादव सरकार: देश में कोई त्यौहार हो और मध्य प्रदेश राज्य सरकार प्रदेश की जनता को उपहार ना दे ऐसा तो हो ही नहीं सकता। अपनी परंपरा को बरकरार रखते हुए मकर संक्रांति के अवसर पर मोहन यादव सरकार ने आत्मा प्रोजेक्ट से जुड़े संविदा कर्मियों को बड़ी सौगात दी है, दरअसल मध्य प्रदेश के किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ऐदल सिंह कंषाना ने आत्मा प्रोजेक्ट में कार्य कर रहे संविदा कर्मियों के मानदेय में वृद्धि के निर्देश दिए हैं।
कृषि मंत्री ऐदल सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2023-24 के लिए आत्मा प्रोजेक्ट के अंतर्गत कार्य कर रहे संविदा कर्मियों के मानदेय में वृद्धि की सहमति प्रदान की गई है, साथ ही उन्होंने बताया कि इस बढ़ोतरी के तहत सहायक अमले के वेतन में 1270 रुपए से लेकर तकरीबन 2333 रुपए तक का इजाफा देखने को मिलेगा।
इस वृद्धि का लाभ सिर्फ इन कर्मियों को ही नहीं मिलेगा बल्कि आत्मा प्रोजेक्ट के साथ कार्य कर रहे कंप्यूटर प्रोग्रामर की सैलरी में 1270 रुपए, लेखपाल से लिपिक को 1771 रुपए और असिस्टेंट टेक्नोलॉजी मैनेजर को 1910 रुपए व ब्लॉक टेक्नोलॉजी मैनेजर को 2333 रुपए का लाभ कर्मियों को मिलेगा।
कृषि मंत्री ऐदल सिंह ने जारी किए निर्देश
मोहन यादव सरकार: दरअसल मध्य प्रदेश के किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ऐदल सिंह कंषाना ने आत्मा प्रोजेक्ट से जुड़े संविदा कर्मियों को मकर संक्रांति के अवसर पर उपहार स्वरूप उनके मानदेय में वृद्धि के निर्देश जारी किए हैं। इसके साथ ही कृषि मंत्री ऐदल सिंह कंषाना ने विभागीय अधिकारियों को इस निर्देश से सम्बंधित तत्काल में आदेश जारी करने को कहा है।
संविदा कर्मियों को मिलेगा बढ़े हुए मानदेय का लाभ
कृषि विकास मंत्री ने आत्मा प्रोजेक्ट में कार्य कर रहे संविदा कर्मियों के मानदेय में वृद्धि के निर्देश जारी किए हैं और विभाग के अधिकारियों को जल्दी इस संबंध में आदेश जारी करने की बात कही है। अब जल्दी संविदा कर्मियों को इस मानदेय में वृद्धि का आदेश प्राप्त होगा। कृषि मंत्री ऐदल सिंह द्वारा जारी निर्देश के मुताबिक सहायक अमले के वेतन में 1270 रुपए से लेकर तकरीबन 2333 रुपए तक बढ़ोतरी की जाएगी।
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किसानों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से बना आत्मा प्रोजेक्ट
आत्मा प्रोजेक्ट के तहत किसानों को लाभ पहुंचाया जाता है। इस प्रोजेक्ट का पूरा नाम एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट एजेंसी है। इस योजना के अंतर्गत उन किसानों को शामिल किया जाता है जो किसान किसी समस्या के चलते आधुनिक खेती से होने वाले लाभों को प्राप्त नहीं कर पाए, उनको नई तकनीक, उपकरणों और खेती से संबंधित ट्रेनिंग उपलब्ध कराई जाती है।