MP News: मध्य प्रदेश की नई सरकार हर सप्ताह मंगलवार को केबिनेट बैठक रखती है और इसी क्रम के साथ मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आज 27 फरवरी दिन मंगलवार को मोहन कैबिनेट की एक और बैठक संपन्न हुई जिसमें कई अहम फैसले लिए गए हैं।
27 फरवरी को हुई मोहन कैबिनेट की बैठक
आज 27 फरवरी दिन मंगलवार को मोहन कैबिनेट की अहम बैठक संपन्न हुई। जिसमें मध्य प्रदेश ने कई बड़े फैसले लिए जिसमें सिंचाई परियोजना, एमएसएमआई विभाग के साथ ही पैरामेडिकल परिषद को लेकर के बड़े फैसले लिए गए हैं। मोहन कैबिनेट की बैठक संपन्न होने के बाद उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने ब्रीफिंग की। और इसके साथ ही बैठक में हुई चर्चा और फसलों के बारे में जानकारी दी।
मध्य प्रदेश को मिली 17000 से अधिक विकासकार्यों की सौगात
मोहन कैबिनेट की बैठक संपन्न होने के बाद उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला जी ने मीडिया से बात करते हुए जानकारी दी कि 29 फरवरी को मध्य प्रदेश में 17000 करोड रुपए से अधिक के विकास कार्यों की सौगात मिलने वाली है। क्योंकि 29 फरवरी को विकसित भारत संकल्प यात्रा का समापन है और इसी उपलक्ष पर विशेष कार्यक्रमों का अयोजन किया जाएगा।
सिंचाई परियोजना में 4 हज़ार करोड़ के प्रस्तावों को मंजूरी
मोहन कैबिनेट की इस बैठक में कई अहम प्रस्तावों को मंजूरी मिली है जिसमें सबसे पहले सिंचाई के विभिन्न क्षेत्रों में महत्त्वपूर्ण निर्णय लिए गए और कुल 4 हज़ार करोड़ से ज्यादा की सिंचाई परियोजना को मोहन बैठक ने हरी झंडी दिखाई।
मोहन कैबिनेट ने सिंचाई परियोजना को मंजूरी दी है जिसमें कुल 4 हज़ार करोड़ का प्रस्ताव पारित हुआ जिसमें राजगढ़ – मोहखेड़ा सिंचाई परियोजना शामिल है और इस सिंचाई परियोजना से सीधी, सिंगरौली, रीवा और मऊगंज के किसानों को लाभ मिलने वाला है। इसके साथ ही कैबिनेट बैठक में बहुउद्देशीय योजना के अंतर्गत 1140 करोड़ के माइक्रो एरिगेशन योजना को मोहन कैबिनेट ने हरी झंडी दिखाई।
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मोहन कैबिनेट ने स्टार्टअप के लिए किए फैसले
- मोहन कैबिनेट की इस बैठक में MSMI विभाग के अंतर्गत स्टार्टअप को लेकर भी कई अहम फैसले लिए गए हैं। जिसमें प्रशासनिक इकाइयों के पुनर्गठन के लिए अयोग बनाने को लेकर मंजूरी दी गई। इसके आलावा भी केंद्र और राज्य सरकार द्वारा स्टार्टअप को आगे बढ़ाने के लिए विभिन्न परियोजनाओं को शुरु किया गया है।
मोहन कैबिनेट की इस बैठक में मुख्यमंत्री जी ने बैठक में शामिल मंत्रियों, विधायकों और सांसदों को ओला प्रभावित क्षेत्रों की जानकारी एकत्र करने के निर्देश दिए ताकि ओला प्रभावित क्षेत्रों के किसानों को मुआवजा राशि दी जा सके। इसके साथ ही आगामी 19 फ़रवरी को को होने जा रहे कार्यक्रम की तैयारी प्रशासन द्वारा की जा रही है।