MP News – मध्यप्रदेश सरकार राज्य के करीब 4 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारियों को बड़ी सौगात देने की तैयारी में है लोकसभा चुनाव के पहले अब रिटायरमेंट आयु में वृद्धि की चर्चा और जोर पकड़ रही है। रिटायरमेंट आयु में वृद्धि यानि कर्मचारियों की सेवा आयु 62 से बढ़कर 65 की जायगी। चुनाव से पहले सभी कर्मचारियों को सरकार से यही उम्मीद है कि प्रदेश में सेवानिवृत कर्मचारियों की आयु में एकरूपता ला सकती है।
सामान्य प्रशासन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, कर्मचारियों से जुड़े सभी प्रस्ताव ऊपर भेजे हैं, जिन पर फैसला लेना बाकि है बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री मोहन यादव कर्मचारियों के मसले पर जल्द सामान्य प्रशासन विभाग और मंत्री समूह के साथ बैठक करने वाले हैं। इस बार के बैठक में बड़े फैसले हो सकते हैं, जिनमें रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने का फैसला शामिल है।
हमारी जांच पड़ताल के दौरान कर्मचारियों से जब हमने बात किया तो उनकी मांग अलग अलग तरह की हैं जिनमें पदोन्नति, भत्ते, वेतन निर्धारण, संविलियन, पुरानी पेंशन बहाली सहित अन्य मांगे शामिल हैं। जबकि उनमे रिटायरमेंट उम्र की बढ़ोतरी शामिल नहीं बताई जा रही है लेकिन मध्यप्रदेश की सरकार कर्मचारियों को बिना मांगे ही यह सौगात देने की तैयारी में है।
रिटायरमेंट उम्र की बढ़ोतरी से सरकार को होगा फायदा
MP News: अगर कर्मचारियों की रिटायरमेंट आयु में वृद्धि होती है तो उसका सीधा फायदा सरकार को ही होगा क्योंकि रिटायरमेंट के समय कर्मचारियों को एकमुश्त राशि अभी नहीं देना होगा वह जब रिटायर होंगे तब देना होगा ऐसे में सरकार के पास अभी फण्ड की कमी नहीं होगी और उस राशि को वह आने चुनाव और अन्य जगह खर्च कर पाएगी।
राज्य शासन ने पांच साल पहले 2018 में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले रिटायरमेंट की आयु सीमा 60 से बढ़ाकर 62 साल करने का फैसला किया था, जिसका फायदा प्रदेश के डेढ़ लाख से ज्यादा कर्मचारी एवं अधिकारियों को मिला है और अब कर्मचारियों को यही उम्मीद है कि इस बार रिटायरमेंट की आयु बढ़कर 65 हो जायगा क्योंकि विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में सेवानिवृत्ति में एकरूपता लाने का वादा किया था।
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