महिलाओं को कृषि ड्रोन प्रशिक्षण: मध्य प्रदेश सरकार महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए कई तरह की योजनाएं चलती है हाल ही में महिलाओं के लिए लाडली बहना योजना की शुरुआत की गई इसके पहले भी स्वयं सहायता समूह के माध्यम से महिलाओं को कई तरह की लाभ दिए गए हैं। और अब स्व सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को कृषि ड्रोन पायलट का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
महिलाओं को दिया जा रहा है कृषि ड्रोन पायलट का प्रशिक्षण
मध्य प्रदेश में प्रेस्टीज इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिंग मैनेजमेंट एंड रिसर्च द्वारा महिलाओं को कृषि ड्रोन पायलट का प्रशिक्षण दिया रहा है। यह प्रशिक्षण पांच दिवसीय रहेगा जिसमें प्रशिक्षण पूर्ण होने के बाद महिलाओं को ड्रोन लाइसेंस भी प्रदान किया जाएगा। ओके शिक्षक प्राप्त करने वाली महिलाओं को ड्रोन दीदी की उपाधि दी जाएगी।
कृषि ड्रोन से किसानों को भी लाभ
कृषि ड्रोन की मदद से किसानों को भी अत्यंत लाभ मिलने वाला है। इस ड्रोन की मदद से मात्र 10 मिनट में 1 एकड़ क्षेत्र में कीटनाशक का छिड़काव किया जा सकता है। इस तरह कीटनाशकों के छिड़काव पर जाना लगने वाले समय की बचत हो जाएगी। और कीटनाशकों के छिड़काव के दौरान शरीर पर पढ़ने वाले दुष्प्रभावों से बचा जा सकता है।
ड्रोन की मदद से खेती की मैपिंग और निगरानी भी आसानी से की जा सकती है। खेत एक कोने में बैठ कर पूरे खेत को आसानी से देखा जा सकता है और खेत की फसल का अवलोकन भी किया जा सकता है। ड्रोन की मदद से बुवाई/ बीजों का छिड़काव भी आसानी से किया जा सकता है।
राज्य में महिलाओं को मिलेगा रोजगार
कृषि ड्रोन पायलट का प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद महिलाओं को स्व रोजगार मिल जाएगा। प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद ड्रोन दीदियां कृषि भूमि पर ड्रोन से नैनो यूरिया तथा कीटनाशकों का छिड़काव कर अपनी जीविका चला सकती हैं।
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राज्य में कृषि ड्रोन प्रशिक्षण का कार्यकृम
मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को कृषि ड्रोन प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि महिलाओं के पास एक स्पेशल स्किल्स हो जाए और महिलाएं सशक्त बने। इस प्रशिक्षण के बाद महिलाओं को एक लाइसेंस मिल जाएगा जिसकी मदद से यूरिया तथा कीटनाशकों का छिड़काव आसानी से कर सकती हैं।
आपकी जानकारी के लिए बता दे की कृषि ड्रोन प्रशिक्षण कार्यक्रम केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई नमो ट्रेन दीदी योजना की तर्ज पर शुरु की गई है। लेकिन मध्य प्रदेश में यह कार्य एक स्टार्टअप द्वारा किया जा रहा है। जिसकी शुरुआत मध्य प्रदेश में प्रेस्टीज इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिंग मैनेजमेंट एंड रिसर्च कॉलेज द्वारा की गई है।
प्रेसिडेंट प्रशिक्षण के कार्यक्रम में महिलाओं को जरूर शामिल होना चाहिए क्योंकि इसके माध्यम से आप एक रोजगार की प्राप्त कर सकते हैं। अपना कल की टीम ने इस प्रशिक्षण के निदेशक हिमांशु जैन से बात किया और पाया कि इस प्रशिक्षण में स्व सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं जिनकी उम्र 18 से 60 वर्ष है वे सभी महिलाएं इस प्रशिक्षण में शामिल हो सकती हैं।