सरकारी कर्मचारियों के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है जैसा कि आप सभी को पता है कि 18 महीने के बकाया DA को लेकर के कर्मचारी काफी नाराज है लेकिन अब खबर सामने आ रहा है कि केंद्रीय कर्मचारी और पेंशन प्राप्तकर्ता करता को जल्द ही 18 महीने का भत्ता मिलने वाला है।
18 महीने के DA को लेकर आया अपडेट
केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशन प्राप्तकर्ता का 18 महीने के DA महंगाई भत्ते को लेकर के एक अपडेट सामने आए जिसमें यह कहा गया है कि बकाया जनवरी 2020 से जून 2021 तक का महंगाई भत्ता दिया जाएगा। और इसके लिए प्रस्ताव तैयार करके भेज दिया गया है।
महंगाई भत्ते का निर्मला सीतारमण को लिखा पत्र
भारतीय प्रतिरक्षा मजदूर संघ के महासचिव मुकेश सिंह ने महंगाई भत्ते को लेकर के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक पत्र लिखा और पत्र में कहा गया की महामारी के दौरान सरकारी कर्मचारी और रिटायर्ड लोगों के रोके गए 18 महीने के महंगाई भत्ता उन्हें वापस करें इसके साथ ही उन्होंने कोविड-19 के दौरान सरकारी कर्मचारियों द्वारा किए गए प्रयासों के समर्थन पर बात कही।
केंद्रीय कर्मचारियों की महंगाई भत्ते को लेकर के प्रस्ताव रखा गया जिसे 25 जनवरी को केंद्र सरकार के समक्ष कर्मचारी एवं पेंशनप्राप्तकर्तों के बकाया 18 महीने के DA को लेकर के विस्तार से चर्चा की गई इसी दौरान प्रस्ताव तैयार करके आगे भेजा गया है।
4 फीसदी बढ़ सकता है महंगाई भत्ता
केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में पिछले वर्ष 2023 में ही 4 फीसदी महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी की गई थी। जिसकी वजह से केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनप्राप्तकर्ताओं को सातवें वेतन आयोग के तहत 46% महंगाई भत्ता प्राप्त हो रहा है और उम्मीद लगाई जा रही है कि जनवरी के बाद से वापस महंगाई भत्ते में बढ़ोत्तरी हो सकती है जिसके तहत सरकारी कर्मचारियों और पेंशनप्राप्तकर्ताओं को 50 फीसदी महंगाई भत्ता प्राप्त होगा।
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बजट में बकाया महंगाई भत्ता जारी होने की संभावना
वित्त मंत्री सीता निर्मला सीतारमण को पत्र लिखते हुए मुकेश सिंह ने कोविद-19 के दौरान सरकारी कर्मचारी और पेंशन प्राप्तकर्ता की योगदान की सराहना की जिसे यह सुनिश्चित है कि कोविद-19 के समय रोकी गई 18 महीने के महंगाई भत्ते को लेकर के वित्त मंत्री सीता निर्मला सीतारमण जल्दी अपडेट देने वाली है।
हालांकि देश की वित्तीय हालत को देखते हुए वित्त मंत्री मंत्रालय ने पहले भी संकेत दे चुके हैं कि यह काफी चुनौती पूर्ण हैं। क्योंकि 2020 और 2021 में कोविड-19 महामारी के दौरान की जो स्थिति थी वह बहुत भयानक थी। इसी वजह से महंगाई भत्ता जो पहले बकाया था उसे वापस करना वित्त मंत्रालय के लिए चुनौती पूर्ण रहेगा।