महंगाई भत्ते: बुधवार को मोहन कैबिनेट की बैठक संपन्न हुई जिसमें स्टार्टअप नीति में संशोधन को मंजूरी दी गई है जिससे स्टार्टअप और राज्य के युवा खुश है लेकिन दूसरी तरफ महंगाई भत्ते को लेकर किसी भी तरह का फैसला नहीं लिया गया है जिसकी वजह से सरकारी कर्मचारी बेहद निराश है।
सरकारी कर्मचारियों का बढ़ा आक्रोश 9 फरवरी को करेंगे प्रदर्शन
कर्मचारी संघ का कहना है कि राज्य के सरकारी कर्मचारियों द्वारा लगातार महंगाई भत्ते को लेकर मांग की जा रही है लेकिन सरकार द्वारा किसी भी तरह की प्रतिक्रिया नहीं दी जा रही है और ना ही कोई आश्वासन दिया जा रहा है। इसके लिए अब राज्य के सरकारी कर्मचारी 9 फरवरी को महंगाई भत्ते की मांग हेतु मंत्रालय के समक्ष प्रदर्शन करेंगे।
महंगाई भत्ता और राहत न मिलने की वजह से सरकारी कर्मचारियों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। हालांकि मोहन सरकार की इस बैठक में सरकारी कर्मचारियों ने उम्मीद लगाई हुई थी। कि उनके हित में फैसला लिया जाएगा और महंगाई भत्ते में 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जाएगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। और इसी वजह से तृतीय कर्मचारी संघ ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की ठानी।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ जी ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर पोस्ट करते हुए कहा कि सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में भी 4 फ़ीसदी की बढ़ोतरी होनी चाहिए। और केंद्र के समान 46 फ़ीसदी महंगाई भत्ता मिलना चाहिए। तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ ने राज्य के कर्मचारियों की मांगों के लिए सीएम मोहन यादव से तत्काल निर्णय लेने हेतु अपील की। और कहा कि कर्मचारी एवं सेवानिवृत कर्मचारियों के हितों की रक्षा करना सरकार का पहला कर्तव्य है।
राज्य के कर्मचारियों ने 700 करोड़ के नुकसान का आरोप लगाया
राज्य के 7.50 लाख कर्मचारी एवं 4.50 लाख सेवानिवृत कर्मचारी महंगाई भत्ता न मिलने की वजह से परेशान है। और इस विषय में तृतीय वर्गीय कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी जी ने बताया कि अब तक 700 करोड़ का नुकसान कर्मचारियों को हो गया है। आगे उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा 1219 करोड़ रुपए लाडली बहनों को आर्थिक सहायता के रूप में दिए जाते हैं लेकिन कर्मचारियों को 150 करोड़ देने में परेशानी हो रही है। पिछले 7 महीना से कर्मचारियों को महंगाई भत्ता भी नहीं मिला है। इसके पहले भी पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के कार्यकाल में 9200 करोड रुपए सरकारी कर्मचारियों को समय पर न देकर नुकसान किया गया है।
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मोहन कैबिनेट ने लिए यह फैसले
जनवरी महीने के अंतिम दिन बुधवार को हुई इस कैबिनेट बैठक में स्टार्टअप नीति के नियमों में संशोधन किया गया। जिससे राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रमों में भाग लेने पर 50 हजार से 1 लाख 50 हजार की प्रोत्साहन राशि के रूप में सरकार प्रदान करेगी। इसके साथ ही फरवरी में केन बेतवा लिंक परियोजना का भूमि पूजन भी किया जाएगा।