कर्ज़ में डूबी MP सरकार: मध्य प्रदेश सरकार कर्ज में डूबती जा रही है। और नई मोहन सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में 370 योजनाओं पर रोक लगा दी है। जिसमें स्कूल, आईटीआई उद्योग, मेट्रो रेल, कृषि, प्रधानमंत्री सड़क योजना सहित अन्य योजनाएं भी शामिल हैं।
मध्य प्रदेश में फंड की कमी के चलते इन योजनाओं को बंद कर दिया गया है और विधानसभा चुनाव के पहले की गई घोषणाओं में शामिल योजनाओं को भी अब तक शुरू नहीं किया गया है और माना जा रहा है कि फंड के चलते ही इन सभी योजनाओं में देरी हो रही है।
मध्य प्रदेश में 370 योजनाएं बंद
कर्ज़ में डूबी MP सरकार: मध्य प्रदेश में कुल 370 सरकारी योजनाओं को बंद किया गया है जिसमें स्कूल शिक्षक विभाग से संबंधित 22 योजनाएं शामिल हैं जिसका असर शिक्षा के क्षेत्र पर साफ-साफ देखने को मिलेगा। मध्य प्रदेश में वित्त विभाग की मर्जी के बिना योजनाओं के लिए धनराशि नहीं निकाली जा सकता। जिससे साफ है कि फंड की कमी के चलते ही इन सभी योजनाओं को बंद किया जा रहा है।
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा बंद की गई 370 योजनाओं में प्रधानमंत्री सड़क योजना, स्कूल से संबंधित योजनाएं, कृषि संबंधित योजनाएं और विधानसभा चुनाव से पूर्व की गई घोषणाओं से संबंधित योजनाएं भी शामिल है जिसका असर साफ-साफ देखा जा सकता है। हालांकि पूर्व मध्य प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई लाडली बहना योजना पर किसी भी तरह का असर देखने को नहीं मिला है और फंड की कमी के बिना भी लाडली बहन योजना कर्ज की बदौलत निरंतर चल रही है।
लाड़ली बहना योजना में प्रतिमाह खर्च होंगे 160 करोड़ रुपए
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई लाडली बहना योजना पर हर महीने 160 करोड़ रुपए की जरूरत होती है। और राज्य सरकार की सबसे बड़ी जिम्मेदारी लाडली बहना योजना ही है। लेकिन इस विधानसभा चुनाव में लाडली बहनों के बदौलत ही भाजपा ने मध्य प्रदेश में अपनी सरकार बनाई और इसी वजह से लाडली बहना योजना को अब तक बंद नहीं किया जा सका। लेकिन हर महीने 160 करोड रुपए की जिम्मेदारी भाजपा सरकार आखिर कब तक उठेगी यह भी देखने लायक होगा।
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कर्ज में डूबी मध्य प्रदेश सरकार
मध्य प्रदेश सरकार पहले से कर्ज में डूबी हुई है गौरतलब्ध की नई मोहन सरकार को विरासत में 3.5 लाख करोड रुपए का कर्ज मिला और एक महीना में मोहन सरकार ने 2000 करोड रुपए का नया कर्ज भी ले लिया है। मध्य प्रदेश में चल रही योजनाओं को सुचारू रूप से चलाने के लिए मध्य प्रदेश सरकार को अगले महीने भी कर्ज लेना पड़ सकता है।
सूत्रों का कहना है कि मध्य प्रदेश सरकार अगले कर्ज के लिए कागजी कार्रवाई कर रही है। मध्य प्रदेश में पैसों की कमी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले विधानसभा चुनाव में आदर्श आचार संहिता लागू होने पर भी मध्य प्रदेश सरकार को 5000 करोड रुपए का कर्ज लेना पड़ा था।