डॉ. मोहन यादव: मध्य प्रदेश के नए सीएम डॉ मोहन यादव ने अपनी कमान संभाल ली है। और पूर्व मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी को अब केंद्र में कोई मंत्री पद मिलने की आशंका जताई जा रही है। बता दे की पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी राजनीति में बहुत लंबे समय से हैं। उनका अनुभव राजनीति में बहुत ही ज्यादा है। इन सभी को ध्यान में रखते हुए अनुमानित तौर पर कह सकते हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी को केंद्र में कोई मंत्री पद मिल सकता है।
भारतीय जनता पार्टी का पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान जी पर विश्वास
डॉ. मोहन यादव: पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी का राजनीतिक समय बहुत ही लंबा रहा है। अनुमानित तौर पर बता सकते हैं कि 18 वर्षों तक शिवराज सिंह चौहान जी ने राजनीति में काम किया है। अपना अच्छा अनुभव होने के कारण उनको केंद्र में कोई मंत्री पद मिल सकता है। भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव जीतने के बाद शिवराज सिंह चौहान जी की कुर्सी पर डॉ मोहन यादव को बिठाकर और शिवराज सिंह चौहान जी को सरकार केंद्रीय राजनीति में लाना चाहती है।
अब पार्टी में में युवाओं को ज्यादा मौका दिया जाएगा
अब राजनीति पार्टी में युवाओं को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा रहा है। और अब राजनीति में युवाओं को लेकर चौंकाने वाले नाम सामने आने वाले हैं। बता दे मध्य प्रदेश की विधानसभा का पहला सत्र दिसंबर में शुरू हो रहा है यह पहला सत्र चार दिवसीय होने वाला है इसकी तारीख 18 दिसंबर से लेकर 21 दिसंबर तक होगी। इस सत्र में विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव भी किया जाएगा।
विधानसभा का पहला सत्र 4 दिन का होगा
मध्य प्रदेश विधानसभा का पहला सत्र 18 दिसंबर से 21 दिसंबर तक चलेगा या पहला सत्र चार दिवसीय होने वाला है। इसमें सैकड़ो विधायकों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है। मध्य प्रदेश राज्य की 230 विधानसभा सीटों के लिए इस बार चुनाव हुए थे।
पूर्व मंत्रियों को मिलेगा मौका
कैबिनेट में युवा चेहरों के साथ ही कुछ पुराने चेहरों को मौका देने की बात कही जा रही है। इसी तर्ज पर पिछले सरकार के मंत्रियों को भी मौका मिलेगा। पूर्व केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की विधानसभा अध्यक्ष के रूप में जिम्मेदारी तय हो गई है। हालांकि, कैलाश विजयवर्गीय और प्रहलाद पटेल को लेकर अब तक स्थिति स्पष्ट नहीं है। इनके अलावा सांसद से विधायक बने राकेश सिंह, रीति पाठक और राव उदयप्रताप सिंह को लेकर केंद्रीय नेतृत्व ही निर्णय लेगा कि ये वापस केंद्र में जाएंगे या फिर मध्य प्रदेश में मोहन यादव कैबिनेट में शामिल होंगे। पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान को केंद्र में मौका मिलेगा।
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पूर्व मंत्रियों को मिलेगा मौका
कैबिनेट में युवा चेहरों के साथ ही कुछ पुराने चेहरों को मौका देने की बात कही जा रही है। दरअसल, दो डिप्टी सीएम चयन किए गए। जिसमें जातिगत समीकरण के साथ ही उनके पिछले कार्यकाल के परफार्मेंस को ध्यान में रखते हुए ही किया गया। इसी तर्ज पर पिछले सरकार के मंत्रियों को भी मौका मिलेगा। इसमें जातिगत समीकरण के साथ ही क्षेत्रीय समीकरण को साधा जाएगा। गुरुवार को कई पूर्व मंत्री और विधायकों ने सीएम से मंत्रालय में मुलाकात की।
अब दिग्गजों का क्या होगा?
पूर्व केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की विधानसभा अध्यक्ष के रूप में जिम्मेदारी तय हो गई है। हालांकि, कैलाश विजयवर्गीय और प्रहलाद पटेल को लेकर अब तक स्थिति स्पष्ट नहीं है। इनके अलावा सांसद से विधायक बने राकेश सिंह, रीति पाठक और राव उदयप्रताप सिंह को लेकर भी कयास लगाए जा रहे हैं। इन सब पर केंद्रीय नेतृत्व ही निर्णय लेगा कि ये वापस केंद्र में जाएंगे या फिर मध्य प्रदेश में मोहन यादव कैबिनेट में शामिल होंगे।
वहीं, चर्चा है कि पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान को आलाकमान केंद्र में कोई बड़ी भूमिका दे सकता है। शिवराज की प्रदेश की महिलाओं में लोकप्रियता को देखते हुए शीर्ष नेतृत्व कोई जोखिम नहीं लेना चाहेगा। और राजनितिक विशेषज्ञों का यही कहना है कि शिवराज सिंह चौहान को केंद्र में जगह दी जायगी और उनके अनुभव का पार्टी पूर्ण उपयोग करेगी।