2011: राशन कार्ड धारकों के लिए मुसीबतें और बढ़ाने वाली है, क्योंकि वह अब और अधिक मात्रा में मुफ्त राशन व अन्य सभी सुविधाओं का लाभ नहीं उठा पाएंगे। बता दें की परिवार के राशन कार्ड में वर्ष 2011 के बाद जन्म लेने वाले व्यक्तियों का नाम राशन कार्ड में नहीं जोड़ पाएगा साथ ही उन्हें राशन कार्ड से मिलने वाली किसी भी प्रकार की सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पाएगा। दरअसल राज्य सरकार की तरफ से जनपद में निर्धारित शहरी क्षेत्र 65 प्रतिशत वा ग्रामीण क्षेत्र 79 प्रतिशत का लक्ष्य तय रखा गया था जो कि अब तक राशन कार्ड धारकों की गणना के बाद पूरा हो चुका है।
परिवार में जब किसी बच्चे का जन्म होता है या फिर कोई लड़की विवाह करके नए परिवार में आती है तो उसका नाम परिवार के राशन कार्ड में जुड़वाना जरूरी होता है ताकि उसको भी अन्य परिवार के सदस्यों की तरह राज्य सरकार से मिलने वाली सुविधाओं का लाभ मिल सके, लेकिन राशन कार्ड धारकों को यह जानकर काफी चिंता होने वाली है कि उनके परिवार के सभी सदस्यों को राशन कार्ड का लाभ नहीं मिल पाएगा क्योंकि राज्य के जनपद निर्देश अनुसार वर्ष 2011 के बाद जन्म लेने वालों का नाम राशन कार्ड में नहीं जोड़ा जाएगा और यदि जिनके नाम पहले से जुड़े हैं तो उनका राशन कार्ड से हटाया जाएगा।
राशन कार्ड धारकों के लिए विभाग का बड़ा फैसला
रोजाना कोई ना कोई राशन कार्ड धारक अपने बच्चे व परिवार के नए सदस्यों का ऑनलाइन के माध्यम से यूनिट कराकर दौड़ धूप करके विभाग में जमा कर रहे हैं और राशन कार्ड में अपने परिवार के नए सदस्यों का नाम शामिल करवाने के लिए हजारों रुपयों का खर्चा करके कर रहे हैं, लेकिन उनके यह सारे प्रयत्न बेकार जाने वाले हैं क्योंकि विभाग ने राशन कार्ड धारकों के लिए बड़ा फैसला लेकर यह निर्देश जारी करते हुए यह सूचना दी है कि वर्ष 2011 के बाद जन्म लेने वाले व्यक्तियों की यूनिट ना करवाएं, उनके नाम फिलहाल राशन कार्ड में नहीं जोड़े जाएंगे।
इतना मिलता है राशन कार्ड से राशन
गरीबी रेखा में आने वाले परिवारों को भारत सरकार के द्वारा चलाए गए राशन कार्ड के माध्यम से खाद्यान्न सामग्री उपलब्ध कराई जाती है अंत्योदय कार्ड पर प्रति परिवार राज्य सरकार की तरफ से 35 किलोग्राम खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाता है। वहीं गरीबी रेखा के अंतर्गत परिवार राशन कार्ड प्रति यूनिट 5 किलोग्राम खाद्यान्न सामग्री मिलती है, जिसमें गेहूं, चावल, नमक, चीनी आदि सामग्री सम्मिलित है।
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राशन कार्ड में नाम ना जोड़ने की वजह
राशन कार्ड धारकों को राज्य सरकार की तरफ से निशुल्क खाद्यान्न सामग्री उपलब्ध कराई जाती है। देशवासियों को इस सुविधा का लाभ कोरोना महामारी के बाद से और अधिक मात्रा में मिलने लगा, जिस वजह से कई गरीबी रेखा में आने वाले परिवार राशन कार्ड में नए सदस्यों के नाम जुड़वाने के लिए जद्दोजहद करने लगे, लेकिन जनपद द्वारा निर्धारित शहरी क्षेत्र 65 प्रतिशत एवं ग्रामीण क्षेत्र 79 प्रतिशत का जो लक्ष्य निर्धारित था वह पूरा हो चुका है जिस वजह से विभागीय अधिकारी व कर्मचारी अपात्र यूनिटों के नाम राशन कार्ड से काट रहे हैं।