सरकार बढ़ाई सेवानिवृत्ति आयु: जब से मध्य प्रदेश में नई सरकार का गठन हुआ है तब से मोहन यादव सरकार राज्य में पैसों की तंगी की मार झेल रही है, पिछली सरकार के कर्ज तले दबी मोहन यादव सरकार को प्रदेश में नई योजनाओं के चलने में और पुरानी लाडली बहना योजना सहित अन्य कई योजनाओं को आगे बढ़ाने में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। इस पैसे की तंगी के कारण ही प्रदेश सरकार बेरोजगार युवाओं के लिए नई भर्ती निकाल कर उन्हें रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने में काफी अलकसा रही है। हालांकि सरकार प्रदेश के कर्मचारियों को लाभ पहुंचाने का बराबर प्रयास कर रही है।
प्रदेश की मोहन यादव सरकार राज्य के कर्मचारियों की सेवानिवृति आयु में बढ़ोतरी करने की तैयारी कर रही है। बता दें कि वर्तमान में कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु 62 वर्ष है जिसमें सरकार 3 वर्ष की वृद्धि करके 65 वर्ष कर सकती है। बीते कुछ दिनों पहले कर्मचारी कल्याण समिति ने सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु में एकरूपता लाने के लिए CM डॉ मोहन यादव के नाम एक पत्र लिखा था जिसमें यह अनुरोध किया गया था कि सरकार राजकीय कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु में एकरूपता लाकर उसे वर्तमान 62 वर्ष की आयु से बढ़ाकर 65 वर्ष आयु करने पर विचार करें।
संकल्प पत्र में मौजूद सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाने का बिंदु
सरकार बढ़ाई सेवानिवृत्ति आयु: मध्य प्रदेश के राजकीय कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु में एकरूपता लाकर उसे बढ़ाने की बात भारतीय जनता पार्टी ने अपने संकल्प पत्र में कही है। कर्मचारी कल्याण समिति अध्यक्ष रमेश शर्मा ने राज्य सरकार को इसी बिंदु का हवाला देकर सरकार को पत्र लिखते हुए कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु में एकरूपता लाने की मांग की है। इसके साथ ही कर्मचारी कल्याण समिति अध्यक्ष रमेश शर्मा ने पत्र में यह भी लिखा है के शासकीय कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु में बढ़ोतरी होना जरूरी है क्योंकि पदोन्नति ना होने की वजह से विभागों का केंडर गड़बड़ा गया है।
सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाने से सरकार को वित्तीय लाभ
यदि प्रदेश की मोहन यादव सरकार द्वारा राज्य के कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु को वर्तमान 62 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष किया जाता है तो इससे सरकार को बड़े पैमाने पर वित्तीय लाभ पहुंचेगा, क्योंकि कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति के दौरान राज्य सरकार को उन्हें एक मुश्त भुगतान राशि देनी होती है जिसका असर तेजी से राजकीय खजाने पर पड़ता है। यदि कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ती है तो सरकार को यह राशि फिलहाल 3 वर्ष तक कर्मचारियों को नहीं देनी पड़ेगी।
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सेवानिवृत्ति आयु बढ़ने से युवाओं को रोजगार मिलना मुश्किल
यदि मोहन यादव सरकार की तरफ से राज्य के कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु को बढ़ाया जाता है तो ऐसे में प्रदेश के युवाओं का रोजगार खतरे में पड़ जाएगा। इस मुद्दे को खुद राज्य के सेवानिवृत्त होने वाले 50% कर्मचारी भी मान रहे हैं। कर्मचारियों का कहना है कि यदि सेवानिवृत्ति आयु को बढ़ाया जाता है तो युवाओं को रोजगार का मौका नहीं मिल पाएगा, साथ ही उनका कहना है कि 65 वर्ष की उम्र में शरीर उतनी फुर्ती से काम नहीं कर पाता कि रोज ऑफिस जाकर कार्य कर सके।