CM मोहन यादव: स्कूल शिक्षा विभाग की वर्ष 2018 से लंबित भर्ती 5 साल बीत जाने के बाद भी पूरी नहीं हो सकी। वर्ष 2018 के पात्र अभ्यर्थी लगातार भर्ती प्रक्रिया को पूरा कराने के लिए कठिन प्रयास कर रहे हैं। अभ्यर्थियों द्वारा लगातार हर मुमकिन प्रयास किए जाने के बाद भी कोई समाधान न निकलने पर अब उनकी उम्मीदें प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से बढ़ गई है।
कर्मचारी CM डॉ मोहन यादव से उम्मीद लगा रहे हैं कि वह पिछले 5 सालों से अधूरी लंबित पड़ी भर्ती को जल्द ही समय सीमा से अवश्य पूरा करेंगे। बता दें की स्कूल शिक्षा विभाग की तरफ से वर्ष 2018 से अब तक 5 वर्ष से भी अधिक समय बीत चुका है, लेकिन अभी तक उच्च माध्यमिक व माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा 2018 की भर्ती प्रक्रिया लंबित पड़ी है, यह भर्ती प्रक्रिया 5 सालों से पूर्ण नहीं हो पाई।
शिक्षक भर्ती वर्ष 2018 में लगातार हो रही देरी से अभियार्थी तंग आ चुके हैं और वह अब मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से आशाएं लगा रहे हैं कि वह निश्चित ही कोई समाधान निकालेंगे। इसी संबंध में अभ्यर्थियों द्वारा मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव और शिक्षा मंत्री को ज्ञापन सौंपा गया और अपनी मांगों को पूरा करने की गुहार लगाई गई।
5 वर्षों से लंबित शिक्षक भर्ती
CM मोहन यादव: प्रदेश के आनेको अभ्यर्थियों की शिक्षक भर्ती पिछले 5 सालों से लंबित पड़ी हुई है, जो कि वर्ष 2018 से लेकर वर्ष 2024 वर्तमान तक पूरी ना हो सकी। बता दें कि शिक्षा विभाग द्वारा वर्ष 2018 में जिन पदों पर नियुक्ति जारी की गई थी वह पद आज तक खाली है।
पात्र अभ्यार्थियों को अभी तक रोजगार का अवसर प्राप्त नहीं हो सका और तो और कुछ अभ्यर्थी ऐसे भी हैं जो 2018 की भर्ती के समय निर्धारित आयु सीमा पर योग्य थे परंतु 5 वर्ष 20 जाने के बाद वह उम्मीदवार तय आयु सीमा पार कर चुके हैं, उनका सरकार से अनुरोध है कि वह जल्द से जल्द इस लंबित भर्ती प्रक्रिया को पूर्ण करें।
मुख्यमंत्री मोहन यादव को सौंपा गया ज्ञापन
दरअसल अभी हाल ही में गुरुवार 1 फरवरी को मुरैना जिले में आयोजित रोजगार मेले में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव अपनी उपस्थिति देने पहुंचे। वहीं मौजूदा अभ्यर्थी सोनू किरार द्वारा मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को वर्ष 2018 से लंबित शिक्षक भर्ती को पूर्ण करने के संदर्भ में ज्ञापन सौंपा गया। अभ्यर्थियों द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया कि पिछले 5 सालों से लंबित शिक्षक भर्ती आज तक पूर्ण नहीं हो सका। अभ्यर्थियों का कहना है कि इस भर्ती को अति शीघ्र पूर्ण किया जाए।
अधिकारियों द्वारा की गई अनदेखी
वर्ष 2018 से लंबित शिक्षक भर्ती की संपूर्ण जांच के दौरान यह मामला सामने आया है कि, राज्य सरकार के विभागीय अधिकारियों द्वारा अभ्यर्थियों को यह हवाला दिया गया था कि सरकार चाहे तो लंबित भर्ती को पूर्ण कर सकती है।
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बता दें कि तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा आदेश दिए जाने के बाद भी विभाग के कई मुख्य अधिकारियों द्वारा उस आदेश की अनदेखी की गई, जिसका पूरा जिम्मा राज्य सरकार के ऊपर आ गया।