एकल चुनाव: एक राष्ट्र एक चुनाव कराने को लेकर केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकार के समक्ष प्रस्ताव रखा था, साथ ही केंद्र सरकार ने देश के नागरिकों से एक राष्ट्र एक चुनाव कराने को लेकर राय मांगी थी, जिसके लिए केंद्र सरकार ने नागरिकों को ईमेल और वेबसाइट की सुविधा उपलब्ध कराई थी। वही एक राष्ट्र एक चुनाव को लेकर देश की कई राजनीतिक पार्टियों एतराज जताती नजर आ रही है।
एकल चुनाव: ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ कराने को लेकर निर्वाचन आयोग केंद्र सरकार के इस फैसले का समर्थन करने साथ आया है। दरअसल निर्वाचन आयोग ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर एक राष्ट्र एक चुनाव का समर्थन किया है। निर्वाचन आयोग ने केंद्र सरकार को जानकारी देते हुए बताया कि देश में एक साथ चुनाव कराने से कोई दिक्कत नहीं आएगी, हालांकि इसके लिए अतिरिक्त EVM मशीन और VVPet मशीनों की आवश्यकता होगी।
चुनाव आयोग ने लिखा केंद्र को पत्र
एक राष्ट्र एक चुनाव कराने के प्रस्ताव को देश के कई राजनीतिक दल स्वीकृति नहीं दे रहे हैं, जिसके बाद अब चुनाव आयोग ने केंद्र सरकार को एक पत्र लिखते हुए एक राष्ट्र एक चुनाव कराने के निर्णय का समर्थन किया और सूचना दी कि देश में एक साथ विधानसभा और लोकसभा चुनाव कराने से कोई दिक्कत नहीं आएगी। चुनाव आयोग ने बताया कि इसके लिए विभाग को अतिरिक्त ईवीएम मशीन और VVPet मशीनों की आवश्यकता होगी।
मशीनों के लिए 10,000 करोड़ रुपए की जरूरत
निर्वाचन आयोग से मिली रिपोर्ट के अनुसार एक राष्ट्र एक चुनाव कराना यानी कि एक साथ लोकसभा और विधानसभा के चुनाव कराने की स्थिति में देश के सभी राज्यों के प्रत्येक मतदान केंद्रों पर EVM (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) के दो सेट की जरूरत पड़ेगी, जो की विधानसभा सीट और लोकसभा सीट पर मत डालने के लिए रहेंगी।
चुनाव निर्वाचन आयोग ने बताया कि एक राष्ट्र एक चुनाव कराने के लिए हर 15 साल में EVM मशीनों को बदलना पड़ेगा क्योंकि इनके इस्तेमाल की अवधि 15 साल तक की ही है। आयोग ने कहा कि उनकी दोबारा खरीद पर तकरीबन 10000 करोड़ रुपए का खर्च आएगा।
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देश में 11 लाख से अधिक केंद्रों की आवश्यकता
बीते कुछ दिन पहले कानून मंत्रालय ने निर्वाचन आयोग को एक प्रश्नावली भेजी थी जिसमें तकनीकी, वित्तीय और व्यवस्था संबंधित विषयों पर सवाल किए गए थे। चुनाव आयोग ने कानून मंत्रालय को इन सभी सवालों का जवाब देते हुए पत्र लिखा जिसमें चुनाव आयोग ने बताया कि एक राष्ट्र एक चुनाव कराने के लिए देश में 11 लाख 80 हजार मतदान केंद्र बनाने होंगे और प्रत्येक मतदान केंद्रों पर दो EVM की आवश्यकता होगी।