रामलला के साथ: अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर के उद्घाटन के साथ प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम भी जारी है। इसके साथ ही मध्य प्रदेश की किसानों के लिए भी अच्छी खबर सामने आई है।
मध्य प्रदेश की नई सरकार अब मोदी की गारंटी के नाम पर किए गए वादों को पूरा करने के लिए पहल कर रही है। सबसे पहले मुख्यमंत्री मोहन यादव ने तेंदूपत्ता की कीमत बढ़ा कर तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए अच्छा फैसला सुनाया और अब बारी धान-गेहूं के किसानों की है।
भाजपा सरकार ने किए थे किसानों से वादे
हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव के पहले भाजपा सरकार ने कई तरह के वादे किसानों से किए थे जिसमें MSP पर धान की खरीद और बोनस का वादा भी शामिल था। भाजपा ने इन वादों को मोदी की गारंटी का नाम दिया था और चुनाव जीतने के बाद इन वादों को पूरा करने का वचन भी दिया गया था।
धान के किसानों को मिलेगा बोनस
रामलला के साथ: मध्य प्रदेश सरकार ने धान के किसानों को बोनस देने की ठानी है। और प्रति क्विंटल 900 रूपये किसानों को बोनस मिलेगा। इसके अलावा खरीफ सीजन 2023-24 के धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2183 रूपये प्रति क्विंटल तय किया गया है।
हालाकि राज्य के किसान उम्मीद लगा रहे थे कि सरकार धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 3100 रूपये प्रति क्विंटल निर्धारित करेगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ और अब सरकार प्रति क्विंटल धान खरीदी पर लोकसभा चुनाव से पहले किसानों को बोनस देगी।
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पहले कैबिनेट बैठक में हुआ तेंदूपत्ता किसानों का फैसला
मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार बनते ही पहले केबिन बैठक में तेंदूपत्ता की कीमत में बढ़ोतरी की गई। कैबिनेट ने तेंदूपत्ता की खरीद ₹4000 प्रति मानक बोरा करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी और इस पहली बैठक के साथ चुनाव का पहला वादा भी पूरा किया गया।