राज्य संविदा कर्मियों का नियमितीकरण: मध्य प्रदेश सरकार ने हाल ही में संविदा कर्मियों के नियमितीकरण को लेकर नए नियम लागू किए हैं, जिसमें कर्मियों को नियमित होने के लिए एक एग्जाम देना होगा जो की 300 अंकों का होगा। जारी नियम के मुताबिक संविदा कर्मियों को उस एग्जाम में 50% अंक लाने होंगे तभी वह नियमित हो सकेंगे। राज्य सरकार के नियमितीकरण के नए नियम को लेकर संविदा कर्मी चिंता में आ गए हैं और वह इस नियम का जमकर सरकार से विरोध कर रहे हैं।
राज्य के संविदा कर्मियों का कहना है कि वह 15-20 साल से विभाग में काम कर रहे हैं, लेकिन अब नियमित होने के लिए उनको एग्जाम देना होगा जिसमें 50% अंक उनको लाना होंगे। इस नियम का विरोध करते हुए कर्मचारी संगठन का कहना है कि “यह हमारी पढ़ाई की उम्र नहीं है 40-45 की उम्र में पढ़ाई करके एग्जाम देना मुश्किल है। सरकार को इस नियम में संशोधन करना होगा वरना कर्मचारी संगठन सड़कों पर उतरकर विरोध करेगा।
राज्य के 33 विभागों में संविदा कर्मियों की संख्या
- राज्य शिक्षा केंद्र स्कूल विभाग – 2918
- बिजली विभाग – 5800
- आयुष विभाग – 400
- पंचायत एवं ग्रामीण विकास – 7155
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन – 32000
- स्वास्थ्य विभाग के अधीन पैरामेडिकल – 411
- स्वास्थ्य विभाग के अधीन आयुष डॉक्टर – 700
- वाणिज्यक कर अपील बोर्ड – 24
- खेल एवं युवक कल्याण विभाग – 928
- PHE – 2000
- लोक सेवा प्रबंधन सुशासन – 152
- तकनीकी शिक्षा विभाग – 768
- कृषि कल्याण एवं कृषि विकास विभाग – 563
- लोक सेवा प्रबंधन सुशासन प्रशासन – 430
- महिला एवं बाल विकास विभाग – 1485
- पर्यावरण नियोजना एवं संगठन – 55
- सूचना प्रौद्योगिकी – 588
- पुरातत्व विभाग – 34
- मंडी बोर्ड कृषि विभाग – 222
- एमपी नरोन्हा प्रशासन एकेडमिक – 10
- जनसंपर्क एमपी – 8
- केंद्रीय जिला सहकारी बैंक – 889
- सामाजिक न्याय – 120
- राजस्व विभाग (रिवेन्यू) – 876
- नगरीय प्रशासन विभाग – 200
- पेंशन भविष्य निधि विभाग – 60
- आदिवासी वित्त विकास निगम – 40
- पेंशन संपरीक्षा ऑडिट विभाग – 60
- मानव अधिकार आयोग विभाग – 38
- एमपी पुलिस हाउसिंग – 212
- एमपी नगर निवेश TNCP – 36
- PWD लोक निर्माण विभाग – 240
- वाणिज्यक कर अपील बोर्ड – 24
नियमितीकरण के नए नियम पर कर्मचारियों का विरोध
राज्य संविदा कर्मियों का नियमितीकरण: मध्य प्रदेश सरकार द्वारा जारी नियमितीकरण के नये नियम पर राज्य के संविदा कर्मी विरोध व्यक्त कर रहे हैं। बता दे की संविदा कर्मचारी संगठन से लोकेंद्र श्रीवास्तव में जानकारी देते हुए बताया कि “पिछली नीति में सरकार ने संविदा कर्मियों को 50% आरक्षण की बात कही थी, जबकि नए नियम में ऐसा कुछ भी नहीं है।
साथी श्रीवास्तव ने कहा कि अब हमारे बच्चे 10वीं और 12वीं के एग्जाम दे रहे हैं, अब क्या इस उम्र में आकर हम भी एग्जाम देंगे”। 40- 45 की उम्र में संविदा कर्मियों का पढ़ाई करना मुश्किल है, इसलिए सरकार को इस नियम में संशोधन करना होगा वरना कर्मचारी संगठन सड़कों पर उत्तर आएगा धरना प्रदर्शन करने के लिए।
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कांग्रेस को फिर मिला मौका
मध्य प्रदेश सरकार के नियमितीकरण के नए नियम का संविदा कर्मी विरोध कर रहे हैं, जिसका सपोर्ट करते हुए कांग्रेस मीडिया प्रभारी के के मिश्रा ने कहा कि “यह सरकार नहीं सर्कस चल रहा है, पहले सरकार ने संविदा कर्मियों से वादे किए अब उन्ही वादों से मुकर रही है”। संविदा कर्मियों का सहारा लेकर कांग्रेस एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी के ऊपर निशान लगा रही है।