राज्य: उत्तराखंड सरकार राज्य के लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए लगातार हर मुमकिन प्रयास कर रही है। राज्य में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी को देखते हुए सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। दरअसल 13 जनवरी शनिवार को सचिवालय में स्वास्थ्य विभाग की उच्च स्तरीय बैठक स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत की अध्यक्षता में आयोजित की गई, जिसमें विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी को दूर करने के लिए अलग कैडर बनाने की बात कही गई है।
स्वास्थ्य विभाग की इस उच्च स्तरीय बैठक में विशेषज्ञ चिकित्सकों का एक अलग कैडर बनाने के मुद्दे के साथ डॉक्टरों की रिटायरमेंट आयु को बढ़ाने पर भी चर्चा की गई और डॉक्टरों की रिटायरमेंट आयु वर्तमान 60 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष करने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही सरकार तकनीकी संवर्ग के कुल 1300 पदों को भरने की तैयारी में जुट गई है।
विशेषज्ञ डॉक्टरों की रिटायरमेंट आयु में बढ़ोतरी
दरअसल शनिवार को देहरादून उत्तराखंड राज्य की स्वास्थ्य विभाग की उच्च स्तरीय बैठक स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत की अध्यक्षता में की गई, जिसमें विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी को दूर करने के उद्देश्य से उनकी रिटायरमेंट आयु को बढ़ाने का निर्णय लिया गया। वर्तमान में विशेषज्ञ डॉक्टरों की रिटायरमेंट आयु 60 वर्ष है, जिसको अब 65 वर्ष करने की योजना सरकार बना रही है।
तकनीकी संवर्ग के 1300 पद खाली
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने जानकारी देते हुए बताया कि स्वास्थ्य विभाग के तकनीकी संवर्ग के कुल 1300 पद खाली हैं, जिनमें से अभी कैबिनेट की तरफ से केवल 250 पदों को भरने की मंजूरी दी गई है। उत्तराखंड राज्य में प्राकृतिक आपदा के चलते राज्य के लोगों को विशेषज्ञ डॉक्टरों और अस्पतालों को तकनिशियानो की आवश्यकता है। इन्हीं समस्याओं को मद्देनज़र रखते हुए विभागीय अधिकारियों को रिक्त पदों को भरने के लिए प्रस्ताव तैयार करने और उनको आगामी कैबिनेट बैठक में पेश करने के निर्देश दिए गए हैं।
कॉलेज के सुपर स्पेशलिस्ट का वेतन बढ़ाने का निर्णय
स्वास्थ्य विभाग की इस उच्च स्तरीय बैठक में विभिन्न राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर के 156 पदों को भरने का निर्णय लिया गया है, साथ ही विभाग ने उनकी न्यूनतम आयु सीमा घटाकर 62 वर्ष करने पर अधिकारियों को प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए हैं, जिसे आगामी कैबिनेट बैठक में पेश करने को कहा है। विभाग ने निर्णय लिया है कि चिकित्सा के विभिन्न कॉलेजों के प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर की सैलरी को भी बढ़ाया जाएगा।
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