MP चुनाव हार के बाद: कांग्रेस ने MP में हार के बाद एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। कमलनाथ को अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है। इसके अलावा, छत्तीसगढ़ में इस नेता को जिम्मेदारी सौंपी गई है। कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के बाद के जीतू पटवारी और उमंग दोनों ही कांग्रेस के दिग्गज नेता माने जाते हैं। मध्य प्रदेश चुनाव में हार के बाद से ही पार्टी ने बड़ा बदलाव किया है। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के बाद अब नेताओं के पदों में भारी बदलाव किए गए हैं।
जीतू पटवारी की हार
MP चुनाव हार के बाद: मध्य प्रदेश की राऊ विधानसभा सीट पर जीतू पटवारी को हार का सामना करना पड़ा। 2013 और 2018 के विधानसभा चुनाव में पटवारी ने इस सीट से जीत हासिल की थी। मध्य प्रदेश की 230 सीटों में से बीजेपी ने 163 सीटें जीतीं और पार्टी ने मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाया है। इस चुनाव में कांग्रेस सिर्फ 66 सीटों पर ही जीत हासिल कर सकी।
चुनाव के दौरान, पटवारी को कांग्रेस के चुनाव अभियान के सह-अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था। उनकी रैलियों में अच्छी संख्या में भीड़ उमड़ी। पटवारियों, पुलिस और शिक्षकों की भर्ती में कथित घोटालों को लेकर पटवारी शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साध रहे थे लेकिन बीजेपी से मधु वर्मा ने उन्हें 35 हजार से ज्यादा वोटों से हरा दिया।
छत्तीसगढ़ में भी हुआ बदलाव
- छत्तीसगढ़ में चरण दास महंत को विपक्ष के नेता बनाया गया है। छत्तीसगढ़ में दीपक बैज को प्रदेश अध्यक्ष के पद पर रखा गया है। कमलनाथ ने बदलावों पर प्रतिक्रिया दी और जीतू पटवारी को मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष, उमंग सिंघार को कांग्रेस विधायक दल का नेता और हेमंत कटारे को उपनेत।
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। पांच साल तक सत्ता में रहने वाली पार्टी 90 में से केवल 35 सीटें जीतने में सफल रही। वहीं बीजेपी ने 54 सीटों पर जीत हासिल की और पार्टी ने विष्णु देव साय को मुख्यमंत्री बनाया है।
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दोनों ही राज्यों में कांग्रेस की हार
दोनों ही राज्यों में हार के बाद दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने समीक्षा बैठक बुलाई थी। इस बैठक के बाद से ही संगठन में बदलाव की अटकलें लगाई जा रही थीं। राजस्थान में भी पार्टी इसी तरह का बदलाव कर सकती है। आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी के भीतर यह बदलाव अहम माना जा रहा है।