पीएमएवाई घोटाला: भारत में केंद्र सरकार और राज्य सरकार मिलकर कई योजनाओं को चला रहे हैं। इनमें से ही एक योजना है प्रधानमंत्री आवास योजना जो कि केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई है। प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए अब कुछ लोग घोटाला करते हुए पकड़े गए हैं। इने ठगों को यूपी STF ने गिरफ़्तार कर लिया है। हालाकी यह कोई पहला मामला नहीं है इसके पहले भी कई लोगों ने इस तरह की ठगी को अंजाम दिया है।
प्रधानमंत्री आवास योजना
पीएमएवाई घोटाला: केंद्र सरकार ने गरीब परिवार के लोगों के लिए आवास योजना को शुरू किया है। इस योजना के तहत जो लोग गरीब परिवार से हैं। जिनके पास रहने के लिए पक्के मकान नहीं है। जो बीपीएल कार्ड धारक हैं। इसके अलावा भी कई ऐसे ही परिवार जिनके पास रहने की ठीक से व्यवस्था नहीं है। ऐसे लोगों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत रहने के लिए पक्के मकान दिए जाते हैं। इसी क्रम में अब कई लोग प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर ठगी करने लगे हैं।
प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर ठगी
प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर घोटाला करने वाली गैंग को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस घोटाले में चार लोग शामिल थे, यह चार आरोपी अनिरुद्ध सिंह, संतोष कुमार सिंह, दिलीप सिंह, अजीत सिंह को अब गिरफ्तार कर लिया गया है। इन लोगों के पास चार मोबाइल नंबर और चार फर्जी आधार कार्ड प्राप्त हुए हैं। इन आरोपियों ने लोगों को झांसा दिया कि वह प्रधानमंत्री आवास योजना के द्वारा लोगों को घर दिलवाने में सहायता करेंगे।
ये आरोपी फर्जी नंबरों से लोगों को फोन करके Google pay, Paytm माध्यम से ऑनलाइन रकम लोगों से हड़प रहे थे। आरोपी किसी भी मोबाइल नंबर की आखिरी चार अंक बदलकर कॉल करते थे। कॉल करने के बाद बताते थे कि आपका प्रधानमंत्री आवास में नाम आ गया है, यदि आप हमें कुछ पैसे दोगे तो आपको प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान मिल जाएगा। इस प्रकार यह आरोपी लोगों से ठगी कर रहे थे। फिर अपने गैंग का नंबर देकर पैसे ट्रांसफर करवाते थे।
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आरोपी लोगों के साथ विश्वास बना रहे थे
ये आरोपी लोगों के साथ विश्वास बना कर घोटाला कर रहे थे। इन लोगों की शिकायत एक पीड़ित ने की थी। जांच पड़ताल की गई तो पता चला कि यह लोग एक संगठित ग्रुप बनाकर आवास योजना के लिए आवेदन किया है या नहीं फोन करके लोगों को अपने झांसे में लेते थे। बताया जा रहा है कि यह आरोपी अलग-अलग प्रकार से लोगों को सारा विवरण बताते हुए लोगों का विश्वास जीतते थे। और लोगों पर अपना विश्वास बनाते हुए घोटाला कर रहे थे।